इसमें कोई शक नहीं कि एप्पल ने दुनिया में एक नया बदलाव लाया है. कंपनी के आईपॉड, आईट्यून्स, आईफोन और आईपैड ने म्यूजिक, फोन और कंप्यूटिंग को बदलकर रख दिया. एप्पल ने अब दाव लगाया है एक घड़ी पर. एप्पल वॉच. कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स के निधन के बाद यह पहला नया प्रोडक्ट लांच हो रहा है. लेकिन इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या यह एप्पल के बाकी प्रोडक्ट की तरह करिश्मा कर पाएगा?
डिजाइन: स्टील के अलावा गोल्ड प्लेटिंग के विकल्प भी
एप्पल के प्रोडक्ट में डिजाइन सबसे ज्यादा अहमियत रखती है. जॉब्स इस पर सबसे ज्यादा ध्यान देते थे. आईफोन को लांच करने से पहले उन्होंने उसके कोने कितने गोल हों, उसे लेकर बहुत काम किया था. एप्पल स्मार्टवॉच में भी इसका भरपूर ध्यान रखने की कोशिश की गई है. स्टील और एल्यूमिनियम के अलॉय वाली वॉच के अलावा 18 कैरेट गोल्ड प्लेटिंग के विकल्प भी मौजूद हैं. वह भी पीले और रोज गोल्ड लुक में.
लेकिन: पेबल और सैमसंग गियर वॉच भी करीब-करीब ऐसे ही लुक में हैं. ऐसे में एप्पल स्मार्टवॉच कुछ खास अलग नहीं दिख पा रही है.
फीचर्स: कॉल, मैसेज, ईमेल के अलावा हेल्थ नोटिफिकेशन भी
आईफोन के बेसिक फीचर्स के अलावा एप्पल ने हेल्थ और मौसम का हाल बताने वाले एप को भी एप्पल स्मार्टवॉच में शामिल किया है. वॉच को कार की स्मार्ट चाबी के बतौर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. सिरि और एप्पल पे फीचर भी इसमें होगा.
लेकिन: ये सारे फीचर्स तो आईफोन में भी हैं. और स्मार्टफोन में कॉल का फीचर तो बहुत पहले ही फ्लॉप हो चुका है.
ब्रांडिंग: एप्पल का लोगो नहीं दिखेगा
आईफोन और आईपैड के बैकसाइड में एप्पल का लोगो उसके यूजर्स के लिए बड़ा स्टेटस स्टेटमेंट रहा है. वे इन गैजेट्स का इस्तेमाल करते हुए खुद को श्रेष्ठ महसूस करते हैं. एप्पल स्मार्टवॉच में ऐसा नहीं है.
कीमत: 22 हजार रुपए से 6 लाख रुपए तक
तीन मॉडल में लांच की जाएगी यह स्मार्टवॉच. एप्पल वॉच, वॉच स्पोर्ट और वॉच एडिशन. 22 हजार वाली स्टेनलेस वॉच से लेकर 18 कैरेट गोल्ड प्लेटेड 6 लाख रुपए की स्मार्टवॉच लोग खरीद सकेंगे. दस लाख रुपए कीमत वाली स्पेशन एडिशन वॉच भी है.
लेकिन: एप्पल वॉच को बाजार में पांच स्मार्टवॉच से स्पर्धा करनी है. 12 हजार रुपए की पेबल वॉच, 15 से 25 हजार सैमसंग गियर, 18 हजार रुपए की मोटा-360 (मोटोरोला स्मार्टवॉच) , 8 हजार रुपए की एलजी स्मार्टवॉच और 18 हजार रुपए की हुवावेई स्मार्टवॉच बाजार में पहले से मौजूद हैं. इन सबकी कीमत एप्पल वॉच की सबसे सस्ते मॉडल से कम है. ये सब एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर काम करती हैं, इसलिए एप्स की कमी तो इनके पास भी नहीं है.
डिमांड: वियरेबल टेक्नोलॉजी आम लोगों को रास नहीं आई है
कहानी शुरू होती है ब्लूटूथ डिवाइस से. शुरुआत में लोगों ने खरीदा भी. लेकिन गैजेट को बार-बार संभालने की झंझट से लोगों ने पहनना बंद कर दिया. बाजार में कई हैल्थ रिस्ट बैंड भी आए, लेकिन ज्यादा पूछपरख नहीं हुई. एप्पल ने स्मार्टवॉच सेगमेंट में कदम रखकर बड़ा दाव लगाया है. इससे पहले उसने आईपॉड के जरिए डिजिटल म्युजिक की दुनिया में अलग लीग स्थापित की थी. आईफोन पहला टचस्क्रीन स्मार्टफोन था. जबकि आईपैड ने कंप्यूटिंग की दुनिया ही बदल दी.
लेकिन: स्मार्टफोन सेगमेंट में सोनी, सैमसंग जैसी कंपनियां पहले से दस्तक दे चुकी हैं. लेकिन उनकी घडि़या या तो बिकी नहीं, या फिर उन्हें फोन के साथ ऑफर के साथ बेचनी पड़ीं. पिछले एक साल में 50 लाख स्मार्टवॉच बिकी हैं, जबकि एप्पल ने पिछले तीन महीने में ही 7.5 करोड़ आईफोन बेचे हैं.
खैर, एप्पल की यह स्मार्टवॉच अगले महीने से दुनिया में बिकने लगेगी. हो सकता है कि एप्पल प्रोडक्ट के कुछ दीवाने इसे सबसे पहले पाने के लिए एक रात पहले से लाइन लगाकर स्टोर के सामने डेरा जमा लें. लेकिन जब एप्पल स्मार्टवॉच और आईफोन के फीचर्स लगभग एक जैसे ही हों, तो इतनी कीमत घड़ी खरीदने के लिए वही अदा करेगा, जिसे महंगी घडि़यों के कलेक्शन का शौक होगा. वह मध्यवर्गीय तो बिलकुल नहीं, जो कैसी भी जुगाड़ से आईफोन खरीद लेता है.