महीने की शुरुआत बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से होने जा रही है, जो 2, 3 और 4 अप्रैल को बेंगलुरु में होगी. आम आदमी पार्टी के बागी धड़े की एक धमाकेदार बैठक भी इसी महीने होने जा रही है. जनता परिवार का फिर से अस्तित्व में आना भी देश की राजनीति की दिशा बदलने वाला कहा जा रहा है. और राहुल गांधी एक लंबे अज्ञातवास के बाद लौट रहे हैं ...
जनता परिवार, फिर से
देश की राजनीति में जनता परिवार फिर से दस्तक दे रहा है. छह राजनीतिक दलों - समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), इंडियन नेशनल लोक दल, जनता दल (सेक्युलर) और समाजवादी जनता पार्टी को मिलाकर 'जनता परिवार' के गठन की घोषणा इसी हफ्ते होने की संभावना है. मौजूदा लोकसभा में इन पार्टियों के 15 जबकि राज्य सभा में सदस्यों की कुल संख्या 30 है. मुलायमसिंह यादव की पार्टी के सबसे ज्यादा सांसद होने के चलते अध्यक्ष पद उन्हीं को मिलना तय माना जा रहा है. 1977 के लोकसभा चुनाव में तब की जनता पार्टी ने इंदिरा गांधी को सत्ता से बेदखल कर दिया था. ये बात अलग है कि महज दो साल में ही वो पार्टी भी बिखर गई. हाल ही में लैंड बिल के मुद्दे पर सोनिया गांधी ने विपक्ष को जुटाकर सड़क पर मार्च निकाला था. अब उससे भी ज्यादा संगठित होकर जनता परिवार केंद्र की मोदी सरकार को चुनौती देने आ रहा है.
'आप' के बागियों की बैठक
दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में 14 अप्रैल को आम आदमी पार्टी के बागी नेताओं की बैठक होने जा रही है. आप की कोर टीम से बेदखल किए गए योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने दिल्ली ने ये मीटिंग बुलाई है. योगेंद्र यादव का कहना है कि देशभर से कार्यकर्ताओं को बुलाकर उनसे बात करेंगे और आगे क्या करना है, ये तय किया जाएगा. इस बैठक में मयंक गांधी, अंजलि दमानिया सहित कई ऐसे लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है जो केजरीवाल के तौर-तरीके से खफा हैं. हाल तक आप के आंतरिक लोकपाल रहे ऐडमिरल एल रामदास और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को भी मीटिंग में आमंत्रित किया गया है.
बिहार में बीजेपी कार्यकर्ता सम्मेलन
बेंगलुरु में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पटना में बीजेपी का कार्यकर्ता सम्मेलन होने जा रहा है. 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के मौके गांधी मैदान में होने वाले इस सम्मेलन को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा कई नेता संबोधित करेंगे. बिहार में दलित वोटों को एकजुट करने के मकसद से इसमें बूथ स्तर के एक लाख कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है. करीब छह महीने बाद होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की रणनीति सवर्ण वोट बैंक के साथ दलित और महादलितों को अपनी तरफ मिलाने की है - और यही इस सम्मेलन का असली मकसद है.
कांग्रेस की किसान रैली
दिल्ली के रामलीला मैदान में 19 अप्रैल को कांग्रेस की किसान रैली होने जा रही है. लंबी छुट्टी के बाद राहुल गांधी तरोताजा होकर इस रैली में शिरकत करेंगे. राहुल की जोरदार री-एंट्री के लिए रैली को एक बड़े आयोजन में तब्दील करने की तैयारी है. जल्द ही राहुल को कांग्रेस का अध्यक्ष पद सौंपे जाने की भी खबर है. माना जा रहा है कि किसान रैली उसी का वॉर्म-अप इवेंट है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अमेठी में राहुल के जल्द लौटने की घोषणा और 14 विपक्षी दलों के साथ राष्ट्रपति भवन तक मार्च भी तैयारियों का ही हिस्सा माना जा रहा है. कोशिश ये है कि राहुल जब कमान संभालें तो पार्टी और कार्यकर्ता दोनों उत्साह और ऊर्जा से लबालब नजर आएं.