पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉ. एक्यू खान के बयान की रविवार को भारतीय रणनीतिक विशेषज्ञों ने निंदा की. विशेषज्ञों ने कहा कि भारत में भी पूरे पाकिस्तान को निशाना बनाने की क्षमता है, लेकिन परमाणु हथियार जंग के लिए नहीं बल्कि प्रतिरोध के लिए होते हैं. खान ने शनिवार को कहा था कि पाकिस्तान के पास पांच मिनट के अंदर नई दिल्ली पर निशाना साधने की क्षमता है.
जंग के लिए प्रतिरोध के लिए हैं परमाणु हथियार
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के निदेशक पूर्व सेना प्रमुख जनरल एन. सी. विज ने कहा कि यह बहुत अपरिपक्व और विचित्र बयान है. परमाणु मिसाइल जंग के हथियार नहीं बल्कि प्रतिरोध के हथियार होते हैं. उन्होंने कहा कि भारत में भी पूरे पाकिस्तान को निशाना बनाने की क्षमता है लेकिन वह इस तरह की बातें नहीं करता.
खान को बढ़ा-चढ़ाकर दावा करने की आदत
पाकिस्तान में पहले परमाणु परीक्षण की 18वीं बरसी पर शनिवार को इस्लामाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में खान ने कहा था कि पाकिस्तान में रावलपिंडी के पास कहूटा से पांच मिनट में भारतीय राजधानी पर निशाना साधने की क्षमता है. इंस्टिट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज ऐंड एनालिसिस में तैनात ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) गुरमीत कंवल ने कहा कि खान बढ़ा-चढ़ाकर किए गए अपने दावों के लिए जाने जाते हैं.
ऑर्डर के बाद भी 6 घंटे में शुरू होता है परमाणु हमला
उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार प्रतिरोध के लिए हैं और पाकिस्तान बहुत उकसावे पर ही इसका इस्तेमाल करेगा. अगर हम मान भी लें कि अप्रत्याशित रूप से पाकिस्तानी सेना प्रमुख परमाणु आक्रमण के लिए आदेश दे देते हैं तो शांतिकाल की सतर्कता को देखते हुए उन्हें शुरुआत करने में कम से कम छह घंटे लगेंगे.
खबरों में रहना चाहते हैं ए. क्यू. खान
सेंटर फॉर एयर पॉवर स्टडीज में कार्यरत एयर वाइस मार्शल (रिटायर्ड) मनमोहन बहादुर ने कहा कि यह केवल प्रचार पाने वाला बयान है. उन्होंने कहा कि खान ऐसे बयान देकर केवल अपने महत्व को दर्शाना चाहते हैं. सोसायटी फॉर पॉलिसी स्टडीज से जुड़े कमोडोर (रिटायर्ड) सी उदय भास्कर ने कहा कि नाटकीय घोषणाएं करने और खबरों में रहने में खान की दिलचस्पी सब जानते हैं.