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क्या जंग के मुहाने पर खड़े हैं भारत-पाकिस्तान?

वर्ष 1947 से लेकर अब तक तीन युद्ध कर चुके भारत और पाकिस्तान एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं. नियंत्रण रेखा पर 8 जनवरी (मंगलवार) को पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ सेक्टर स्थित मेंढर के क्षेत्र में हमला किया जिसमें भारतीय सेना के गश्ती दल के दो जवान शहीद हो गए.

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वर्ष 1947 से लेकर अब तक तीन युद्ध कर चुके भारत और पाकिस्तान एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं.

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नियंत्रण रेखा पर 8 जनवरी (मंगलवार) को पाकिस्तानी सैनिकों ने पुंछ सेक्टर स्थित मेंढर के क्षेत्र में हमला किया जिसमें भारतीय सेना के गश्ती दल के दो जवान शहीद हो गए. पाक सैनिक एक जवान का सिर भी काटकर अपने साथ ले गए.

इस हमले के बाद नियंत्रण रेखा पर भारी तनाव के बीच रुक-रुक कर पाकिस्तानी सेना फायरिंग जारी रखे हुए है. इतना ही नहीं, भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या करने के बाद पाकिस्तान इस मामले में अपना पल्ला झाडऩे की भी लगातार कोशिश कर रहा है.

पाकिस्तानी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर लगातार यह बयान दे रहीं हैं कि हम इस मसले को संयुक्त राष्ट्र की निगरानी समिति से जांच कराना चाहते हैं. मतलब यह कि पहले चोरी और फिर सीनाजोरी. भारत को पाकिस्तान की इस मनोदशा को समझना होगा कि आखिरकार उसकी मंशा क्या है.

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खेल के मैदान पर दिखा तनातनी का असर
एलओसी पर तनातनी का असर खेल के मैदान पर दिखा. खेल दिलों को जोड़ता हो, लेकिन जब सरहद पार से नापाक खेल खेलता रहे, तो किस तरह खेल भावना दिखाई जाए. भारत ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पहले पाकिस्तानी हॉकी खिलाड़ियों को वापस भेजा गया. फिर महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की भागीदारी को रोकने को लेकर बीसीसीआई ने आईसीसी को फैसला लेने को कहा.

तनातनी के माहौल में आईपीएल गर्वनिंग काउंसिल ने ये फैसला कर लिया अगले सत्र में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को खेलने का मौका नहीं मिलेगा. सरकार ने भी ये साफ कर दिया इस माहौल में पाकिस्तान के साथ खेल संभव नहीं.

कम नहीं हो रही पाकिस्‍तान की सीनाजोरी
एलओसी पर तनातनी का माहौल है. पाकिस्तान की तरफ से सीनाजोरी में कोई कमी नहीं. पाकिस्तानी फौज के बर्बर सलूक पर भारतीय हुक्मरान से लेकर सेना तक आंख तरेर रही हो, लेकिन सरहद पार से गोलीबारी में अब तक कोई कमी नहीं आई. सिर्फ 48 घंटो में पांच बार पाकिस्तान की तरफ से सीज फायर का करार तोड़ा गया.

पाकिस्तान के सियासतदान दुनिया को सुनाने के लिए अमन की बात करते हों, लेकिन बेलगाम फौज पर नकेल कसने के लिए जुबां तक नहीं खुलती. सीमा पार से नापाक हरकतों के लिए ईंट का जबाव पत्थर से देने का ऐलान कर चुके आर्मीचीफ जनरल विक्रम सिंह ने तीन दिन में तीसरी बार पाकिस्तान को चेतावनी दी.

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लंबे अर्से बाद भारतीय कूटनीति में दिखा गरम रुख
हिन्दुस्तान ने अब तक पाकिस्तान की हर नापाक हरकत का जवाब धैर्य और संयम से ही दिया है. मुंबई हमले के बाद ये पहला मौका है जब भारतीय नेताओं ने कूटनीति में नरमी की जगह गरम रुख दिखाया. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान के बर्बर सलूक को नजरअंदाज कर दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने की बात नहीं हो सकती.

उधर पाकिस्तान ने भी सीमा पर फौजियों की संख्या बढ़ा दी. वायु सेना की यूनिट को तैयार रहने को कहा गया. जाहिर है खुले तौर पर जंग की बात कोई न कर रहा हो, लेकिन हालात जंग की आहट से इनकार नहीं कर रहे.

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