मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के इस दावे को ‘सच से परे’ बताया कि तत्कालीन यूनियन कारबाइड अध्यक्ष वारेन एंडरसन को दिल्ली छोड़ने के लिए राजकीय विमान उनकी जानकारी के बिना गया था.
अर्जुन सिंह द्वारा राज्यसभा में भोपाल गैस त्रासदी पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने अपने सरकारी निवास पर कहा, ‘‘मुख्यमंत्री की सहमति के बिना राजकीय विमान कहीं जा ही नहीं सकता. सिंह (जो उस समय मुख्यमंत्री थे) का इस बारे में किया गया दावा सच नहीं है’’.
उन्होंने कहा कि वह स्वयं तब की ‘लॉग बुक’ देख चुके हैं, जिसमें सात दिसंबर 1984 को 15:15 बजे दर्ज किया गया है. ‘स्पेशल फ्लाइट आर्डरड बाय चीफ मिनिस्टर’. इस संदर्भ में सिंह का राज्यसभा में दिया गया बयान संदेह पैदा करता है, जिसमें उन्होंने कहा है कि राजकीय विमान उनकी जानकारी के बिना एंडरसन को लेकर दिल्ली गया था.
उनसे बार-बार यह पूछने पर कि क्या अर्जुन सिंह झूठ बोल रहे हैं, चौहान ने कहा कि ‘वह सच नहीं बोल रहे हैं’. इस बारे में तथ्यों को छिपाया जा रहा है मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्जुन सिंह ने इस विषय पर बहुत दिनों बाद चुप्पी तोड़ी और उन्हें (चौहान) भरोसा था कि सच उजागर होगा, लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हुआ है. सवाल यह भी है कि सिंह इतनी देर से क्यों बोले.सच तो एक क्षण में बाहर आता है इतने समय तक क्या यह तय किया जा रहा था कि क्या बोलना है. किसे फंसाना है और किसे बचाना है.{mospagebreak}
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंह का यह दावा भी ‘गले उतरने वाला नहीं है’ कि गिरफ्तारी के बाद एंडरसन को रिहा करने के लिए केन्द्रीय गृह विभाग का दबाव था.वह उस समय केवल मध्यप्रदेश के ही मुख्यमंत्री नहीं थे, बल्कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ और बेहद कूटनीतिज्ञ नेता थे. उन पर यदि एंडरसन की रिहाई के लिए गृह मंत्रालय का दबाव था, तो वह प्रधानमंत्री अथवा गृहमंत्री से बात कर सकते थे.
चौहान ने कहा कि सिंह का यह कहना भी आश्चर्यजनक है कि चुनावी दौरे पर आए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को प्रदेश के हरदा में जब उन्होने एंडरसन की गिरफ्तारी एवं समूचे घटनाक्रम की जानकारी दी, तो उन्होंने कहा कि ‘चलिए, अगली सभा में चलते हैं’उन्होंने कहा कि स्व. राजीव गांधी एक ऐसी घटना पर इस तरह संवेदन शून्य नहीं हो सकते, जिसमें पन्द्रह हजार लोगों की जान चली गई और लाखों लोग प्रभावित थे.
चौहान ने कहा कि जब सिंह को एंडरसन की गिरफ्तारी पर गर्व है, तो उसकी रिहाई पर शर्म भी आना चाहिए. यह उनका व्यक्तिगत मामला नहीं है, सवाल हजारों के मारे जाने और पांच लाख से अधिक लोगों के प्रभावित होने का है.उन्होंने कहा कि गैस पीड़ितों के लिए यह ‘न्याय’ की बात होगी कि अर्जुन सिंह सच सामने लाएं. उन्होंने दोहराया कि सिंह ने तथ्य छिपाने और किसी को बचाने का प्रयास किया है.{mospagebreak}
उल्लेखनीय है कि भोपाल गैस त्रासदी के आपराधिक प्रकरण में यहां तत्कालीन मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी मोहन पी. तिवारी द्वारा इस वर्ष सात जून को यूनियन कारबाइड इंडिया लिमिटेड के तत्कालीन अध्यक्ष केशव महेन्द्र सहित आठ आरोपियों को दो साल कारावास एवं एक लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.
इसके कुछ दिनों बाद भोपाल के तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह ने एक बयान देकर रहस्योद्घाटन किया था कि जमानत पर रिहाई के बाद एंडरसन को राजकीय विमान से दिल्ली भेजा गया था. इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह चुप थे, हालांकि उनका कहना था कि उचित समय आने पर वह अपनी बात रखेंगे.