पूर्व थलसेनाध्यक्ष जनरल (सेवानिवृत) वीके सिंह ने आरोप लगाया कि हथियार लॉबी ‘काफी ताकतवर’ हो गयी है और यह अब देश की ‘व्यवस्था’ का एक हिस्सा बन चुकी है.
अपनी आत्मकथा ‘करेज एंड कनविक्शन’ का हवाला देते हुए सिंह ने कहा, ‘हथियार लॉबी अब काफी ताकतवर है. जहां तक हथियार डीलरों की बात है, वे व्यवस्था का हिस्सा बन चुके हैं. मैंने सिर्फ वही कहा है जो मुझे किताब में कहना था.’ टाट्रा ट्रक करार मुद्दे पर सिंह ने कहा कि यह बड़ी हैरत की बात है कि जो ट्रक चेक गणराज्य में 26 लाख रुपये में उपलब्ध था उसे भारत में 1 करोड़ रुपये में बेचा गया.
अपनी आत्मकथा के बाबत सिंह ने एक चैनल से कहा कि उन्होंने टाट्रा ट्रकों की खरीद को मंजूरी देने के एवज में 14 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश के बारे में रक्षा मंत्री से चर्चा की थी.
रक्षा मंत्री को थी जानकारी!
अपनी किताब में सिंह ने लिखा है कि उन्होंने रिश्वत की पेशकश के बारे में रक्षा मंत्री एके एंटनी को बताया था और उनसे ‘सावधान रहने को कहा’ था.
'कश्मीर की स्थिरता बनाए रखने के लिए खर्च किए जाते हैं पैसे'
यह सवाल किए जाने पर कि क्या जम्मू-कश्मीर के नेताओं को थलसेना द्वारा धन देने के अपने बयान पर वह अब भी कायम हैं, इस पर सिंह ने कहा कि वह पहले ही इस मुद्दे पर सफाई दे चुके हैं. सिंह ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं कहा कि थलसेना नेताओं को पैसे देती है. मैंने सिर्फ इतना कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिरता की प्रक्रिया में कुछ पैसे खर्च किए जाते हैं.’