भारतीय सेना के जनरल बिपिन रावत ने देश की सीमा पर बढ़ते खतरे को लेकर आगाह किया है और इनका सामना करने के लिए हमें आधुनिक हथियार और तकनीक की दरकार रहेगी.
जनरल रावत ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हमें पड़ोसी मुल्कों का सामना करने के लिए आधुनिक हथियार और तकनीक चाहिए होगा. भविष्य की लड़ाई में हमें इन सभी चीजों की जरुरत होगी. और हमें अपनी जरुरतों के हिसाब से सिस्टम बनाना होगा.
उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में भारत के खिलाफ पाकिस्तान के ऑपरेट हो रहे आतंकी संगठनों का जिक्र किए बगैर कहा कि खतरनाक संगठनों की ओर से गैरपारंपरिक लड़ाइयों की संख्या में तेजी आई है. साथ ही रावत ने इस डर की ओर से ध्यान दिलाया कि आगे चलकर लड़ाई आमने-सामने के बजाए गैरपारंपरिक तरीके से लड़ी जाएंगी. सीबीआरएन (केमिकल, बॉयोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर) के जरिए लड़ाई अब हकीकत बनती जा रही है.
जनरल रावत ने उम्मीद जताई कि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) भारतीय एजेंसियों के साथ मिलकर ऐसी किसी लड़ाई का सामना करने में सक्षम रहेगी. उन्होंने कहा, "मैं आश्वस्त हूं कि सीबीआरएन जैसे हमलों से निपटने के लिए डीआरडीडो लंबे समय तक के कार्यक्रम को बनाए रखने में कामयाब होगी. हमें आधुनिक हथियार और तकनीक की जरूरत होगी. यह देखना होगा कि भविष्य में लड़ाई के लिए हमें किस चीज की जरूरत होगी."
चीन के मामले में एक सवाल के जवाब में जनरल रावत ने कहा, "यह सही है कि चीन लगातार दबाव बना रहा है. हम इसे डील कर रहे हैं. हम इसे ज्यादा बिगड़ने नहीं देंगे. हम अपनी सीमा किसी को घुसने नहीं देंगे."