सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बांग्लादेशी नागरिकों की असम में घुसपैठ और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) पर दिए गए बयान पर सियासी घमासान छिड़ गया है. AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने सेना प्रमुख के बयान पर पलटवार करते हुए कहा- पार्टी बढ़ रही है तो सेना प्रमुख को चिंता क्यों हो रही है?
अजमल ने कहा कि सेना प्रमुख बिपिन रावत ने एक राजनीतिक बयान दिया है, जो चौंकाने वाला है. सेना प्रमुख को चिंता क्यों है कि बीजेपी की तुलना में लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर आधारित एक राजनीतिक पार्टी तेजी से बढ़ रही है? उन्होंने कहा कि बड़ी राजनीतिक पार्टियों के गलत रवैए की वजह से AIUDF और AAP जैसी वैकल्पिक पार्टियां तेजी से आगे बढ़ी हैं.
Gen Bipin Rawat has made a political statement, shocking! Why is it a concern for the Army Chief that a political party, based on democratic & secular values, is rising faster than BJP? Alternative parties like AIUDF, AAP have grown because of the misgovernance of big parties.
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— M Badruddin Ajmal (@BadruddinAjmal) February 22, 2018
उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान देकर सेना प्रमुख क्या खुद को राजनीति में शामिल नहीं कर रहे हैं? जो कि संविधान के खिलाफ है.
By making such statement, isn't the Chief of Army Staff indulging into politics which is against the constitutional mandate given to him. @rashtrapatibhvn @PMOIndia please take note.
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— M Badruddin Ajmal (@BadruddinAjmal) February 22, 2018
सेना प्रमुख के बयान पर ओवैसी ने भी उठाए सवाल
बता दें कि सेना प्रमुख के बयान पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं. ओवैसी के अलावा कई राजनीतिक पार्टियों ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है.
ओवैसी ने ट्वीट किया कि आर्मी चीफ को राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, किसी राजनीतिक पार्टी के उदय पर बयान देना उनका काम नहीं है. लोकतंत्र और संविधान इस बात की इजाजत देता है कि सेना हमेशा एक निर्वाचित नेतृत्व के तहत काम करेगी.
बढ़ी राजनीतिक बयानबाजी, कांग्रेस-एनसीपी ने की निंदा
कांग्रेस नेता मीम अफजल ने आर्मी चीफ के इस बयान पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि आर्मी के अफसर को राजनीतिक बयानबाजी नहीं करनी चाहिए, जनरल रावत को ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए. वहीं, एनसीपी नेता माजिद मेनन ने कहा कि ये राजनीतिक मामला है इसपर नेताओं को ही बयानबाजी करनी चाहिए, आर्मी चीफ को ये सब शोभा नहीं देता है. बीजेपी नेता शायना एनसी ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ देश में बड़ा मुद्दा है, उसपर विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय नज़र बनाए हुए है.
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने एक सेमिनार में कहा था कि जितनी तेजी से देश में बीजेपी का विस्तार नहीं हुआ उतनी तेजी से असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ बढ़ी है. रावत इलाके में होने वाली बांग्लादेशी घुसपैठ और जनसांख्यिकी परिवर्तन को समझाने के लिए उदाहरण दे रहे थे. उन्होंने कहा कि घुसपैठ होने का एक बड़ा कारण जमीन पर कब्जा जमाना भी है.
एक सेमिनार में बोलते हुए सेना प्रमुख ने यहां पर बांग्लादेशी घुसपैठ के बारे में कहा कि उत्तर-पूर्व में बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ के पीछे हमारे पश्चिमी पड़ोसी की छद्म नीति ज़िम्मेदार है. जनरल रावत ने कहा है कि इस काम में हमारे पश्चिमी पड़ोसी को उत्तरी पड़ोसी का साथ मिल रहा है. उन्होंने कहा है कि उत्तर पूर्व की समस्याओं का समाधान वहां के लोगों को देश की मुख्यधारा में लाकर विकास करने से मुमकिन है.
चीन पर उठाए सवाल
पूर्वोत्तर से देश के संपर्क मार्ग यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि चीन से मतभेदों के बावजूद अनेक दशकों से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शान्ति बरकरार रही है. हालांकि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा सीमा का अतिक्रमण करने की बढ़ती घटनाएं और डोकलाम में हालिया गतिरोध चीन की बढ़ती मुखरता का प्रतीक है, क्योंकि वह आर्थिक और सैन्य मोर्चों पर प्रगति कर रहा है.
यह घटनाएं सिलीगुड़ी कॉरिडोर की संवेदनशीलता की ओर इशारा करती हैं. सिलीगुड़ी कॉरिडोर या चिकन-नेक वह संकीर्ण भूभाग है जो पूर्वोत्तर के राज्यों को शेष भारत से जोड़ता है.