पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकियों के ठिकाने पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इस बार का सेना दिवस कई मायनों में ख़ास है. राजधानी दिल्ली में 69वां सेना दिवस मनाया गया, तो इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सर्जिकल स्ट्राइक में हिस्सा लेने वाले स्पेशल फोर्स के जवानों को सम्मनित किया.
सेना दिवस के मौके पर सबसे पहले तीनों सेना प्रमुखों ने अमर जवान ज्योति पर बलिदानी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में परेड की सलामी ली तथा जांबाज़ जवानों को सम्मानित किया.
यहां सबसे पहले सरहद पर जान की बाजी लगाने वाले जवानों को सेना मेडल और दूसरे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. सियाचिन में 35 फ़ीट बर्फ के नीचे छह दिन तक ज़िन्दगी और मौत के बीच संघर्ष करने वाले दिवंगत लांस नायक हनुमंथप्पा को मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया जाएगा. उनकी पत्नी महादेवी ने यह मेडल ग्रहण किया और कहा कि उनके पति हनुमंथप्पा आज भी ज़िंदा हैं.
सीमा पर शांति चाहता है भारत
इसके साथ ही सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाली सेना की स्पेशल फ़ोर्स के जवानों को भी सम्मानित किया गया. वहीं इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने साफ़ किया कि भारत सीमा पर शांति चाहता है.
सेना प्रमुख ने कहा, मुझे यकीन है की हमारे प्रतिद्वंदी हमारी ताकत को पहचानते हैं. हम किसी भी समय किसी भी जगह कार्रवाई करने में सक्षम हैं. हम दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन शांति भंग करने वालों को चेतावनी भी देना चाहते हैं.'
सेना दिवस के मौके पर परेड के दौरान जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक का नमूना पेश कर अपने कौशल और रणनीति का प्रदर्शन किया. परेड में ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलें, जैविक और रासायनिक हथियारों से निपटने वाला सीबीआराएन वाहन और टी-90 टैंक आदि खास आकर्षण का केंद्र रहे.
Visuals from #ArmyDay parade which concluded at Cariappa Parade Grounds in Delhi, earlier today pic.twitter.com/nm86TH2Epx
— ANI (@ANI_news) January 15, 2017
सेना की नई ताकत है 'ब्रह्मोस'
ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर की है और इसकी गति 208 मैक यानी ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना तेज़ है. यह जल, थल और आकाश से समुद्र और ज़मीन पर स्थित टारगेट पर मार कर सकती है. मिसाइल 'स्टीप डाइव कैपेबिलीटीज' से सुसज्जित है, जिससे यह पहाड़ी क्षेत्रों के पीछे छिपे टारगेट पर भी निशाना साध सकती है.
Army personnel perform daredevil stunts at the #ArmyDay parade which concluded at Cariappa Parade Grounds in Delhi, earlier today pic.twitter.com/vWOADJ38jD
— ANI (@ANI_news) January 15, 2017
लेह से लेकर अरुणाचल तक ऊंचे पहाड़ों में चीन जैसे ताकतवर मुल्क से मुकाबला करने के लिए सेना को ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों से लैस किया जाएगा, जो पहाड़ियों की ओट में बनाए गए दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने में सक्षम होगी.
आकाश मिसाइल का दम
इस परेड में आकाश मिसाइल भी आकर्षण का केंद्र रहा. हर मौसम में कारगर यह मिसाइल आसमानी सरहदों की सुरक्षा के लिए अचूक अस्त्र है. पूरी तरह ऑटोमेटिक इस मिसाइल सिस्टम को रेल या सड़क के जरिये ढोया जा सकता है.
'आकाश' 25 किलोमीटर के दायरे में आए किसी भी जहाज़ को गिरा सकती है. एक साथ आठ लक्ष्यों को भेद सकती है. केवल तीन सेकंड में फायर की जा सकती है, और अगले सिर्फ 20 सेकंड में दुश्मन के जहाज़ को बरबाद कर सकती है. इसकी स्पीड 660 मीटर प्रति सेकंड है.
बता दें कि वर्ष 1949 में आज ही के दिन भारतीय सेना पूरे तौर पर ब्रिटिश सेना से अलग हुई थी और फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा आज़ाद भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे. इससे पहले ब्रिटिश मूल के फ़्रांसिस बूचर सेना प्रमुख थे.