सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर टिप्पणी करके सुर्खियों में आ गए हैं. इसी बीच सेना के विशेष बल के पूर्व अधिकारी और बीजेपी नेता मेजर सुरेंद्र पुनिया ने कहा है कि सेना प्रमुख ने सिर्फ छात्रों के प्रदर्शन पर टिप्पणी की है और उन्होंने किसी राजनीतिक दल या किसी घटना के बारे में कुछ नहीं कहा है.
मेजर पुनिया ने इंडिया टुडे से कहा, 'जनरल बिपिन रावत ने नेतृत्व को लेकर सेमिनार में जो कहा, वह यह था कि छात्रों के नेताओं ने विश्वविद्यालयों में छात्रों को आगजनी और दंगा करने के लिए उकसाया. उन्होंने सिर्फ नेतृत्व पर टिप्पणी की और इसमें किसी भी राजनीतिक या धार्मिक नेतृत्व का नाम नहीं लिया. छात्रों के भलाई के लिए देश में नेतृत्व को लेकर टिप्पणी करने का उन्हें पूरा अधिकार है.'
पुनिया ने कहा कि जो लोग सेना प्रमुख की निंदा कर रहे हैं, वे ऐसा क्यों कर रहे हैं यह सबको अच्छी तरह से पता है, लेकिन वे वही लोग हैं जो सेना प्रमुख को अपशब्द कह रहे हैं.
एक कार्यक्रम के दौरान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि नेता वे नहीं हैं जो भीड़ को गलत दिशा में ले जाएं. हम कई घटनाओं के गवाह हैं, जहां छात्र नेताओं ने गलत दिशा में भीड़ का नेतृत्व किया, जिससे आगजनी और हिंसा हुई.
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने आगे कहा था कि यह सच्चा नेतृत्व नहीं है. लीडर वे लोग हैं, जो लोगों सही दिशा में ले जाते हैं और अपनी टीम की देखभाल और सुरक्षा करते हैं. सेना को अपनी संस्कृति पर गर्व है.
सूत्रों ने कहा कि सेना प्रमुख ने नागरिकता संशोधन अधिनियम या किसी राजनीतिक घटना का उल्लेख नहीं किया था और वहां छात्रों को संबोधित कर रहे थे. सूत्रों का कहना है कि छात्रों का मार्ग दर्शन करना उनका 'कर्तव्य' है, जिस पर राष्ट्र का भविष्य निर्भर करेगा.