सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने शुक्रवार को 15वें विजय दिवस पर जम्मू एवं कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में 1999 में हुए करगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. जनरल सिंह ने द्रास स्थित करगिल युद्ध स्मारक पर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. सेना प्रमुख 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं सेना प्रमुख होने के नाते यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि सीमा पर तैनात भारतीय जवान भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने में सक्षम हैं.’
सेना प्रमुख ने कहा कि सेना किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है और मौजूदा सरकार जवानों की जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कृतसंकल्प है.
करगिल दिवस
वर्ष 1999 से प्रत्येक साल सेना करगिल जिले में भारत एवं पाकिस्तान के बीच छिड़े युद्ध के दौरान बलिदान देने वाले जवानों की याद में 'विजय दिवस' मनाती है.
वर्ष 1971 के युद्ध के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल सबसे बड़ा युद्ध रहा है. 1971 के युद्ध के परिणाम के रूप में पाकिस्तान से अलग होकर एक नया देश बांग्लादेश बना था. 1999 में भारतीय भूभाग और भारतीय सेना के बंकरों को पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों के कब्जे से मुक्त कराने और उन्हें खदेड़े जाने की याद में हर साल 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस मनाया जाता है.
सशस्त्र बलों की अगुवाई करते हुए रक्षा मंत्री अरुण जेटली 26 जुलाई को यहां स्थित इंडिया गेट परिसर में अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. करगिल युद्ध जब हुआ था तब देश में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राजग सरकार थी.