पिछले कुछ समय से कश्मीर घाटी में भले ही आतंकी हमले बढ़े हो लेकिन सेना ने भी इसका खूब मुंह तोड़ जवाब दिया है. पिछले कुछ महीनों में सेना ने शीर्ष आतंकी कमांडरों को मार गिराया है.
सेना ने रणनीति में बदलाव करते हुए खुफिया आधारित ऑपरेशन में शीर्ष आतंकियों को मार गिराने पर ज्यादा फोकस किया है. जनवरी 2016 से अब तक इन पांच महीनों में 52 आतंकियों का सफाया किया जा चुका है.
बड़े-बड़े आतंकी ढेर
इन आतंकियों में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर आशिक हुसैन भट्ट, लश्कर कमांडर अबू हाफिज शामिल हैं. हिजबुल मुजाहिदीन के सर्वाधिक वांछित आतंकवादी तारिक पंडित ने आत्मसमर्पण किया. 'आज तक' के हाथ लगी सूची से पता चलता है कि घाटी में किस तरह से सेना जिहादी के टॉप कमांडरों को खत्म करने में लगी हुई है.
शीर्ष 10 आतंकी ढेर
सूत्रों की मानें तो इस साल 15 शीर्ष आतंकियों ने एलओसी पार कर घाटी में घुसपैठ की है, जिसमें से 10 मारे गए हैं. 12 आतंकियों का पहला बैच 12 अप्रैल को दर्दपोरा गांव से कश्मीर में घुसा, जबकि 6 अन्य आतंकी 17 अप्रैल के करीब लोलाब की तरफ से घुसे.
बाहर से भी मिल रही मदद
बढ़ी हुई तकनीक, मानवीय खुफिया जानकारी और समन्वित ऑपरेशन से अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसी भी मोस्ट वांटेड आतंकवादियों पर नजर रखने में मदद कर रहा है. रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रिटायर) आरके अरोरा का कहना है कि अमेरिका और अफगानिस्तान के साथ खुफिया जानकारी साझा करना, साथ ही कई एजेंसियों के इनपुट्स सेना के ऑपरेशन को सफल बनाने में मदद कर रहे हैं.
आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना ने भी 12 जवानों को खोया है. घुसपैठ के प्रयासों में भी वृद्धि हुई है. 2015 में जम्मू-कश्मीर में 121 बार घुसपैठ का प्रयास किया गया, जिनमें से 33 सफल हुए.
2014 में 46 आतंकी ढेर
2014 में 222 बार घुसपैठ का प्रयास किया गया, जिसमें आतंकियों को 65 बार सफलता मिली. पिछले साल 46 आतंकियों को मारा गया.