सेना ने बुधवार को कर्फ्यूग्रस्त श्रीनगर में कानून व्यवस्था कायम करने में नागरिक प्रशासन की मदद करते हुए फ्लैग मार्च किया. हिंसक प्रदर्शनों के दैरान शहर में मंगलवार को तीन लोग मारे गए थे और उसके बाद सेना की मदद मांगी गयी थी.
एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर हवाईअड्डा मार्ग और शहर के मध्य में स्थित लाल चौक पर सेना ने फ्लैग मार्च किया. प्रदेश सरकार ने शहर में हिंसक प्रदर्शन में वृद्धि को देखते हुए सेना की मदद मांगी थी. मंगलवार को सुरक्षा बलों की कथित गोलीबारी में तीन लोगों के मारे जाने के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था.
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पम्पोर, पुलवामा और कुलगाम के अलावा उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा और बांदीपुर में भी कर्फ्यू लगा हुआ है. सोपोर और बारामूला में भी निषेधाज्ञा लगी हुई है. सेना ने वहां भी फ्लैग मार्च किया. इस बीच कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति की बुधवार सुबह नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई.
समझा जाता है कि बैठक में कश्मीर घाटी की स्थिति पर चर्चा की गयी. कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृह सचिव जी के पिल्लई श्रीनगर का दौरा कर रहे हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उचित संख्या में पुलिस बल की उपलब्धता नहीं होने के कारण श्रीनगर में मंगलवार देर रात सेना को तैनात किया गया. पुलिस के बहुत से जवान अमरनाथ यात्रा और आतंकवाद-निरोधक अभियान में लगे हुए हैं. {mospagebreak}
सेना बुलाये जाने के बारे में रक्षा राज्य मंत्री एम एम पल्लम राजू ने कहा कि जब तक जरूरत होगी, सेना बनी रहेगी लेकिन हम चाहेंगे कि वह कम से कम समय तक रहे. प्रदर्शनकारियों की रामबाग, जहांगीर चौक, मैसूमा, खनयार, नौहट्टा, राजौरी कदल, फतेह कदल, बारीपुरा सहित विभिन्न स्थानों पर पुलिस के साथ झड़प हुयी थी.
श्रीनगर में सेना की तैनाती पर प्रदेश के मंत्री और कांग्रेस नेता ताज मोहिउद्दीन ने कहा ‘हमने सेना से शांति बनाए रखने में मदद देने का अनुरोध किया. शांति स्थापित करना हमारी पहली प्राथमिकता है.’ उन्होंने कहा, ‘जिला प्रशासन का मानना था कि घाटी में शांति बहाल करने के लिए सेना की जरूरत है. लोगों में नाराजगी है.’ प्रदेश के कानून मंत्री अली मोहम्मद सागर ने लोगों से अपील की है कि वे कर्फ्यू का पालन करें. उन्होंने कहा ‘हम कर्फ्यू का कड़ाई से पालन करेंगे.
सरकार स्थिति सामान्य बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी. स्थिति सामान्य बनाने के लिए हम हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.’ प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव किए जाने के बारे में उन्होंने कहा, ‘कुछ तत्व, कुछ एजेंसियां अपने राजनीतिक एजेंडा के कार्यान्वयन के लिए युवकों को सड़कों पर उतारने में लगे हुए हैं. इस वजह से हम स्थिति पर नियंत्रण के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं. यह स्थिति से लोगों को बचाने का सवाल है.’ {mospagebreak}
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने घाटी के सभी उपायुक्तों से कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में निषेधाज्ञा का कड़ाई से पालन कराएं. उन्हें जरूरत होने पर कर्फ्यू लगाने के निर्देश दिए गए हैं. ध्वनि विस्तारक यंत्रों के जरिए पुलिस की गाड़ियों ने बुधवार सुबह कर्फ्यू लगे होने की घोषणा करते हुए लोगों को घरों में रहने की सलाह दी. पत्रकारों को जारी किए गए कर्फ्यू पास भी निरस्त कर दिए गए हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और कर्फ्यू का उल्लंघन न करें.