भारत में ही विकसित और हथियारों से लैस पहला हेलीकॉप्टर ‘रुद्र’ शुक्रवार को देश की थलसेना के हवाले कर दिया गया.
थलसेना के पास लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का अपना एक बेड़ा है. रक्षा मंत्रालय द्वारा सभी लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का नियंत्रण थलसेना को सौंप दिए जाने के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से थलसेना को दिए जाने वाले 60 हथियारबंद हेलीकॉप्टरों में ‘रुद्र’ पहला है.
थलसेना के उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नरेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह हमारे लिए बहुत अहम प्रणाली है क्योंकि यह हेलीकॉप्टरों का पहला ऐसा प्लैटफॉर्म होगा जो हथियारों से लैस है. किसी भी लड़ाई में जमीनी अभियानों की कामयाबी के लिए गोलीबारी और हवा में चालाकी से पेश आने की काबिलियत होनी चाहिए और जब भी जरूरत हो तो तुरंत मदद देने के योग्य भी होना चाहिए.’ सिंह ने बताया, ‘रुद्र से हमें वह क्षमता हासिल हो सकेगी.’
आर्मी एविएशन कॉर्प्स के मेजर जनरल पी के भराली ने बताया, ‘हेलीकॉप्टरों का पहला स्क्वॉड्रन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा. हमारे पास 60 हेलीकॉप्टर होंगे और एक स्क्वाड्रन में 10 हेलीकॉप्टर शामिल किए जाएंगे.’ ‘रुद्र’ एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर का ‘एमके-चार’ संस्करण है जिसका डिजाइन और निर्माण एचएएल की ओर से ही किया गया है. यह हथियारों के अलावा हेलीकॉप्टर चेतावनी और जवाबी कार्रवाई करने की कई प्रणालियों से भी लैस है.
एचएएल के अध्यक्ष आर के त्यागी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र की यह सरकारी कंपनी थलसेना की सभी परियोजनाओं को लेकर प्रतिबद्ध है. एचएएल के प्रबंध निदेशक (हेलीकॉप्टर कॉम्प्लेक्स) पी सुंदर राजन ने इस मौके पर ‘रुद्र’ से जुड़े दस्तावेज लेफ्टिनेंट जनरल सिंह को सौंपे. सिंह ने कहा कि चेतावनी और जवाबी कार्रवाई करने की कई प्रणालियों में रेडार लेजर मिसाइल चेतावनी प्रणाली और फ्लेयर शैफ डिस्पेंसर्स शामिल हैं.