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ISI जासूसी रैकेट मामले में 5वीं गिरफ्तारी, थलसेना का हवलदार है संदिग्ध जासूस

दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर आईएसआई से जुड़े एक जासूसी रैकेट के सिलसिले में रविवार को थल सेना के जवान को गिरफ्तार किया है.

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कैफतुल्ला के रूप में हुई थी पहली गिरफ्तारी
कैफतुल्ला के रूप में हुई थी पहली गिरफ्तारी

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दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर आईएसआई से जुड़े एक जासूसी रैकेट के सिलसिले में रविवार को थल सेना के जवान को गिरफ्तार किया है. पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से गिरफ्तार भारतीय थलसेना के जवान फरीद खान को संदिग्ध जासूस बताया जा रहा है. इस गिरफ्तारी के साथ ही मामले में हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है.

फरीद थलसेना में हवलदार के पद पर कार्यरत है. उसने कथित तौर पर गोपनीय सूचनाएं संदिग्ध खुफिया तत्वों से साझा की. इससे पहले जम्मू-कश्मीर से सेना के एक रिटायर्ड जवान और एक टीचर को भी इसी सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) रविंद्र यादव ने कहा, 'अपराध शाखा की एक आठ सदस्यीय टीम ने दार्जीलिंग जाकर उसे गिरफ्तार किया.' पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संदिग्ध कार्यकर्ता कफैतुल्ला खान की अगुवाई वाले जासूसी रैकेट के सिलसिले में यह गिरफ्तारी हुई है.

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गौरतलब है‍ कि कफैतुल्ला को 26 नवंबर को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. इस रैकेट में गिरफ्तार होने वाला वह पहला शख्स था. उसे एक धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए भोपाल जाने के दौरान गिरफ्तार किया गया. वह कथित तौर पर जासूसों की भर्ती के मकसद से भी भोपाल जा रहा था. कैफतुल्ला से मिली जानकारी के बाद बीएसएफ के हेड कांस्टेबल अब्दुल राशिद, थलसेना के पूर्व हवलदार मुनव्वर अहमद मीर और सरकारी स्कूल के शिक्षक सबर को गिरफ्तार किया गया.

सर्जन था फरीद का कोड नेम
अपराध शाखा के एक अधिकारी ने कहा, 'फरीद ने 'सर्जन' कोड नाम का इस्तेमाल किया और वह पुलिस की नजर में तब आया जब उन्हें खान के पास से एक सीडी मिली जिसमें बातचीत रिकॉर्ड थी. सरकारी गोपनीयता कानून के तहत आरोपित किए गए फरीद को एक अदालत में पेश किया गया और उसे ट्रांजिट रिमांड पर सोमवार को दिल्ली लाया जाएगा.'

उन्होंने बताया कि कि फरीद ने रजौरी में तैनाती के वक्त सबर से मुलाकात की थी और बाद में कथित नेटवर्क के अन्य सदस्यों से मिलवाया. अधिकारी ने बताया कि उसे थलसेना ने हिरासत में लिया था और बाद में उसे अपराध शाखा की टीम को सौंप दिया गया. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने बताया कि पुलिस को फरीद के पास से कोई दस्तावेज नहीं मिला है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त सबूत हैं.

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इस बीच, रजौरी गई पुलिस की अपराध शाखा की एक 14 सदस्यीय टीम मीर और सबर के साथ दिल्ली पहुंच चुकी है. दोनों को सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा. टीम इस बात की जांच कर रही है क्या थलसेना के अन्य जवान भी इस रैकेट में शामिल हैं.

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