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अमेरिका, रूस के साथ युद्धाभ्‍यास की तैयारी में थलसेना

विद्रोही गतिविधियों और आंतकवाद से मुकाबले में खुद को अमेरिका और रूस की श्रेणी में खड़ा करने के मकसद से भारतीय थलसेना इन दोनों देशों की सेना के साथ युद्धाभ्‍यास की तैयारी कर रही है.

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विद्रोही गतिविधियों और आंतकवाद से मुकाबले में खुद को अमेरिका और रूस की श्रेणी में खड़ा करने के मकसद से भारतीय थलसेना इन दोनों देशों की सेना के साथ युद्धाभ्‍यास की तैयारी कर रही है.

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भारतीय थलसेना इस साल अगस्त और अक्तूबर में अमेरिका और रूस के साथ युद्ध का अभ्‍यास करेगी. थलसेना के अधिकारियों ने बताया कि वे अगले महीने अमेरिकी विशेष बलों की मेजबानी करेंगे. विद्रोही गतिविधियों और आंतकवाद से मुकाबले के लिए दोनों देशों के विशेष बल मिलकर युद्ध का अभ्‍यास करेंगे.

भारत-अमेरिका के बीच हर साल होने वाले ‘वज्र प्रहार’ श्रृंखला के युद्धाभ्‍यास अमूमन मिजोरम के वायरेंगटे में मौजूद थलसेना के ‘काउंटर इंसर्जेंसी एंड जंगल वारफेयर स्कूल’ में होते हैं. ‘वज्र प्रहार’ श्रृंखला का सालाना युद्धाभ्‍यास द्विपक्षीय थलसेना के तीन युद्धाभ्‍यासों का हिस्सा है.

बाकी दो का नाम ‘शत्रुजीत’ और ‘युद्ध अभ्‍यास’ है. बहरहाल, भारत और रूस के बीच इस साल अक्तूबर में ‘इंद्र 2010’ के नाम से युद्धाभ्‍यास होगा. इसका मकसद भी विद्रोही गतिविधियों और आंतकवाद से मुकाबले के लिए खुद को तैयार करना है. ‘इंद्र 2010’ उत्तराखंड के रानीखेत में स्थित सेना के बेस में आयोजित होगा.

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