सर्जिकल स्ट्राइक की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) के साथ बैठक कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, पाक अधिकृत कश्मीर भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पहले से रक्षा मंत्रालय के पास हैं. बुधवार की मीटिंग में इस बात पर चर्चा हुई कि इन सबूतों को सार्वजनिक किया जाए या नहीं.
सेना ने रक्षा मंत्रालय को सौंपे वीडियो
सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो जारी करने है या नहीं, इस पर सीसीएस मीटिंग में फैसला नहीं हो पाया. सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत और वीडियो रक्षा मंत्रालय को सौंप दिए थे और इस पर अंतिम फैसला अब प्रधानमंत्री मोदी
और कैबिनेट को लेना है कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत सार्वजनिक किए जाएं या नहीं.
सबूत मांगने वालों पर बरसे नायडू
केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूतों को लेकर राजनीति करने वालों पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे हैं और ये नेता भी सबूत दिखाने के लिए कह रहे हैं. लेकिन इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयानों का जवाब देने की जरूरत नहीं है.'
चश्मदीदों ने कहा- ट्रक में लादकर ले जाए गए थे आतंकियों के शव
इंडियन एक्सप्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ा बड़ा खुलासा किया है. LoC के पास रहने वाले लोगों का दावा है कि 29 सितंबर की रात हुए हमले में मारे गए लोगों के शवों को भोर से पहले ही ट्रक में लादकर ले जाया गया और उन्हें दफन कर दिया गया. मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार बड़े ही गुपचुप तरीके से किया गया.
एक चश्मदीद ने तो ये भी बताया कि 'जिहादियों की पनाहगाहों को तबाह कर दिया गया. दोनों पक्षों के बीच भारी गोलीबारी भी हुई. जिहादियों की ये मेकशिफ्ट बिल्डिंग उनके इस पार आने से पहले अपने मुल्क की आखिरी पनाहगाह होती थी.' चश्मदीदों के इस बयान से भारतीय सेना के दावे की पुष्टि होती है जिसमें उन्होंने आतंकी लॉन्च पैड के खिलाफ हमले किए जाने की बात कही थी. जबकि इससे पाकिस्तान के उस दावे की कली भी खुलती है जिसमें उन्होंने इससे इनकार करते हुए कहा था कि उनके सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर मोर्टार दागे गए हैं.