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सेना डोकलाम में किसी भी स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार : JOC इन चीफ

भारत को आशंका थी कि यदि सड़क पूरी हो जाती है तो चीन पूर्वोत्तर राज्यों तक उसकी पहुंच को काटने की कोशिश कर सकता है. गतिरोध सितंबर में तब समाप्त हुआ था जब दोनों देश इलाके से अपने सैनिकों को हटाने पर पारस्परिक रूप से सहमत हो गए थे.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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डोकलाम विवाद भले टल गया हो, लेकिन चीन की निगाहें इस इलाके से हटी नहीं है. वहीं सेना की पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ का दावा है कि सेना डोकलाम में किसी भी स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार है.

सेना की पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी इन सी) लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्ण ने शनिवार को कहा कि भारतीय सेना डोकलाम सेक्टर में किसी भी स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार है और किसी भी शरारत का ‘‘माकूल’’ जवाब दिया जाएगा. लेफ्टिनेंट जनरल कृष्णा यहां फोर्ट विलियम में पूर्वी सेना कमान मुख्यालय में विजय दिवस समारोह के उपलक्ष्य में पुष्पचक्र अर्पित करने के बाद बोल रहे थे. विजय दिवस 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में पाकिस्तान पर भारत की विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

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उनसे इस बारे में पूछा गया कि चीन डोकलाम में अपने सैनिकों की कथित तौर पर तैनाती कर रहा है, जहां दोनों देशों के बीच इस साल के शुरू में दो महीने तक गतिरोध चला था. गतिरोध तब शुरू हुआ था जब चीनी सेना ने संबंधित इलाके में एक सड़क बनाने की कोशिश की थी. इस इलाके पर भारत का सहयोगी भूटान भी दावा करता है.

भारत को आशंका थी कि यदि सड़क पूरी हो जाती है तो चीन पूर्वोत्तर राज्यों तक उसकी पहुंच को काटने की कोशिश कर सकता है. गतिरोध सितंबर में तब समाप्त हुआ था जब दोनों देश इलाके से अपने सैनिकों को हटाने पर पारस्परिक रूप से सहमत हो गए थे.

यह उल्लेख करते हुए कि वह विशेष तौर पर किसी का नाम नहीं लेंगे, उन्होंने कहा कि भारतीय सेना उच्च भावना से ओतप्रोत है और किसी भी शरारत का जवाब देने को तैयार है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम पूरी तरह तैयार हैं, कोई शरारत करके देखे और जवाब में उसे माकूल और उचित कार्रवाई देखने को मिलेगी.’’

खबरों में कहा गया है कि चीन ने डोकलाम सेक्टर में ट्राई-जंक्शन से कुछ सौ मीटर की दूरी पर अब भी अपने सैनिकों की तैनाती कर रखी है. यह पूछे जाने पर कि क्या इन खबरों की पुष्टि की गई है, कृष्ण ने कहा कि इनके बारे में बहुत कुछ कहा जा चुका है और इनको लेकर और अधिक कहने को कुछ नहीं है.

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लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, ‘‘क्षेत्रीय अखंडता हमारे रक्त में अंतर्निहित है और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए हम किसी भी हद तक जाएंगे.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या भारत दो मोर्चों पर युद्ध के लिए तैयार है, कृष्ण ने कहा कि ‘‘नि:संदेह’’ हम किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार हैं.

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