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9 साल के इंतजार के बाद सेना के जवानों को मिलेंगे 1.86 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट्स

एसएमपीपी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आशीष कंसल ने कहा कि हमारी फर्म दुनिया की उन पांच फर्मों में से एक है, जो सेरॉमिक बनाती हैं. यह सबसे हल्का और मजबूत पदार्थ है, जो बुलेट को रोक सकता है.

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फाइल फोटोः भारतीय सेना
फाइल फोटोः भारतीय सेना

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रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को सेना के जवानों के लिए 1.86 लाख बुलेट प्रूफ का ऑर्डर दिया है. इसके लिए भारतीय सेना 639 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके साथ ही पिछले 9 सालों से चला आ रहा सेना का लंबा इंतजार खत्म होता दिख रहा है. सीमा पर तैनात जवानों और आतंकियों के खिलाफ अभियान में शामिल होने वाले जवानों को ये बुलेटप्रूफ जैकेट दिए जाएंगे.

16 अक्टूबर 2009 को रक्षा मंत्रालय ने सेना के जवानों के लिए एक लाख 86 हजार एक सौ अड़तीस बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदने को लेकर अपनी स्वीकृति दी थी, लेकिन कई अन्य कारणों से आर्मी इन बुलेट प्रूफ जैकेट्स को हासिल नहीं कर पाई. यही नहीं 2015 में टीबीआरएल चंडीगढ़ में किया गया इन जैकेट्स का ट्रायल भी फेल रहा. इसके बाद इमरजेंसी में 2016 में 50 हजार जैकेट्स मंगाए गए, जिनकी डिलीवरी पिछले साल पूरी हुई है.

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नए बुलेट प्रूफ जैकेट्स का निर्माण रक्षा उपकरण मैन्युफैक्चरर एसएमपीपी प्राइवेट लिमिटेड करेगी, जिसके सैंपल टीबीआरएल चंडीगढ़ में ट्रायल के दौरान सही पाए गए हैं. एसएमपीपी ने दो टॉप बुलेट प्रूफ मैन्युफैक्चर्स को पछाड़ा है.

ये बुलेट प्रूफ जैकेट्स जवानों को 360 डिग्री की सुरक्षा प्रदान करते हैं. साथ ही गले और ग्रोइन को भी सुरक्षा कवर प्रदान करते हैं. हर जैकेट में बैलिस्टिक फैब्रिक होती है, जिसमें बोरॉन कार्बाइड सेरॉमिक प्लेट लगी होती है. हर जैकेट का वजन लगभग 10 किलोग्राम होता है और यह लेवल थ्री प्लस की सुरक्षा उपलब्ध कराती है. यह जैकेट 7.62 गुणा 51 के हथियारों से निकले फायर को सीधे रोक सकती है. साथ ही 5.56 गुणा 45 इंसास और 7.62 गुणा 39 एमएम एके-47 के स्टील कोर बुलेट्स को भी रोक सकती है.

एसएमपीपी के सीएमडी एससी कंसल ने कहा, 'बोरॉन कार्बाइड सेरॉमिक प्लेट जो हम प्रयोग करते हैं, वो अपनी तरह का सबसे हल्का मैटेरियल है, जो बैलिस्टिक प्रोटेक्शन में काम आता है.' उन्होंने कहा कि इसकी वजह से हमारा बीपी जैकेट्स सबसे कम वजन में बेस्ट क्लास का बैलिस्टिक प्रोटेक्शन उपलब्ध कराता है.

एसएमपीपी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर आशीष कंसल ने कहा कि हमारी फर्म दुनिया की उन पांच फर्मों में से एक है, जो सेरॉमिक बनाती हैं. यह सबसे हल्का और मजबूत पदार्थ है, जो बुलेट को रोक सकता है.

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एसएमपीपी अगले कुछ महीनों में ही जैकेट्स की डिलिवरी शुरू कर देगी और तीन साल के भीतर इस ऑर्डर को पूरा करेगी. एसएमपीपी के सीएमडी डॉक्टर एससी कंसल ने एक रिलीज में कहा कि नए जैकेट्स भारतीय आर्मी के जीएसक्यूआर 1438 मानक वाले होंगे.

हालांकि आर्मी को कम से कम 3,53,465 बुलेट प्रूफ जैकेट्स की जरूरत है, रक्षा मंत्रालय के नए ऑर्डर से आर्मी की कुछ जरूरतें तो पूरी होंगी.

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