रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी सुरक्षा बलों की ताकत बढ़ाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर दिया है. गुरुवार को रक्षा मंत्री ने रक्षा विभाग के अधिकारियों से बात करते हुए इस बात पर जोर दिया कि सेना की ताकत और क्षमता बढ़ाने के लिए तकनीक सैनिकों को नई तकनीक मुहैया कराई जाए.
इंडिया टुडे के सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि भविष्य की चुनौतियों और सैनिकों को और अधिक सक्षम बनाने के लिए उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रोबोटिक्स और साइबर सिस्टम से लैस किए जाने की जरूरत है.
सुरक्षा अधिकारियों को किया संबोधित
यह पहली बार है जब रक्षा मंत्री ने काफी संख्या में जमा हुए सुरक्षा अधिकारियों के एक साथ संबोधित किया और उनसे बातचीत की. इस बातचीत सत्र में रक्षा मंत्रालय से जुड़े विभिन्न विभागों के करीब 150 अधिकारी थे और सभी डायरेक्टर स्तर या उससे ऊपर के थे. यह मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली. राजनाथ सिंह सबसे बड़ा संदेश यह था कि निर्णय लेते समय अधिकारी डरें नहीं. एक अधिकारी ने बताया, 'वे यह संदेश देना चाहते थे कि अधिकारी जो भी निर्णय लेंगे, सरकार उनके साथ खड़ी होगी.'
सामूहिक प्रयास जरुरी
एक अधिकारी ने कहा कि रक्षा मंत्री का संदेश था कि अगर आप अपना काम करते हुए गलती करते हैं तो यह कोई बात नहीं, जानबूझ कर गलती करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.' इस सत्र की शुरुआत में ही रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने यह मीटिंग इसलिए बुलाने को कहा क्योंकि वे समझते हैं कि वे भी इस परिवार का हिस्सा हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'आप मंत्रालय के हाथ पैर नहीं, इसका हृदय और इसकी आत्मा हैं. सामूहिक प्रयास करके हम हर तय लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं.' इसके अलावा रक्षा मंत्री ने अधिकारियों से अलग से अनौपचारिक बातचीत भी की और हल्की-फुल्की बातें भी हुईं. उन्होंने हाल में की गई तेजस विमान की उड़ान का अपना अनुभव भी साझा किया.