वन रैंक वन पेंशन (OROP) की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे पूर्व सैनिकों ने मेडल लौटाने शुरू कर दिए. शुक्रवार को कुछ पूर्व सैनिकों ने इंडिया गेट पर जाकर अपने मेडल वापसी अभियान को और तेज किया. इस बीच, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पूर्व सैनिक साबित करें कि यह राजनीतिक रूप से प्रेरित नहीं है.
पर्रिकर ने पूर्व सैनिकों के मेडल जलाने की कोशिश को राष्ट्र और सशस्त्र बलों का अपमान बताया. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार की ओआरओपी अधिसूचना के बावजूद जारी आंदोलन के पीछे कोई राजनीतिक संबंध दिखता है, रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मैं कुछ कहूंगा तो यह आरोप बन जाएगा. उन्हें साबित करने दीजिए कि यह राजनीतिक नहीं है.’
पूर्व सैनिकों से मिले केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पूर्व सैनिकों से मिलने जंतर-मंतर पहुंचे. उन्होंने पूर्व सैनिकों के विरोध को अपना समर्थन दिया और उनकी मांग को जायज ठहराया. केंद्र सरकार ने शनिवार को 24 लाख से अधिक पूर्व सैनिकों और छह लाख शहीदों की पत्नियों के लिए ओआरओपी योजना औपचारिक रूप से अधिसूचित की थी.
पर्रिकर बोले- OROP और मेडल अलग-अलग हैं
पर्रिकर ने कहा, मेडल बहादुरी और देश सेवा के लिए दिए जाने वाला सम्मान है. इसका कामकाज की स्थिति से कोई लेना देना नहीं है, जबकि ओआरओपी कामकाज की स्थिति से जुड़ा है. यह ऐसा नहीं कहता कि आप मेडल के हकदार हैं, यह आपके वेतन और भत्ते जैसी कामकाज की स्थितियों की बात करता है.