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घाटी में आतंकियों के अच्छे दिन खत्म, फिर शुरू होगा सेना का 'ऑपरेशन ऑल आउट'

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने यह फैसला लिया है कि सुरक्षाबलों ने रमजान के महीने में शांति बरती और कोई कठोर कदम नहीं उठाया. यह फैसला जम्मू-कश्मीर के शांतिप्रिय लोगों के हित में लिया गया था ताकि रमजान के पाक महीने में लोगों के लिए अनुकूल वातावरण हो और खून-खराबे का माहौल न रहे. लेकिन सरकार ने अब सुरक्षाबलों के हाथ पूरी तरह खोल दिए हैं.

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जम्मू कश्मीर में सेना के जवान (फाइल फोटो)
जम्मू कश्मीर में सेना के जवान (फाइल फोटो)

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सरकार ने जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट को दोबारा शुरू करने का ऐलान किया है. सेना ने रमजान पर एकतरफा संघर्ष विराम का एलान किया था लेकिन रमजान के दौरान कई आतंकी हमलों को देखते हुए सीजफायर पर सवाल उठ रहे थे. सरकार ने फैसला लिया है कि आतंकियों के खिलाफ फिर से ऑपरेशन शुरू होगा.

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने यह फैसला लिया है कि सुरक्षाबलों ने रमजान के महीने में शांति बरती और कोई कठोर कदम नहीं उठाया. यह फैसला जम्मू-कश्मीर के शांतिप्रिय लोगों के हित में लिया गया था ताकि रमजान के पाक महीने में लोगों के लिए अनुकूल वातावरण हो और खून-खराबे का माहौल न रहे. लेकिन सरकार ने अब सुरक्षाबलों के हाथ पूरी तरह खोल दिए हैं.

पिछले कुछ दिनों में आतंकियों ने जो हरकतें की हैं, उसके बाद एक बात तो तय है कि आतंकी सिर्फ गोली की जुबान समझेंगे. ऐसे में सरकार ने भी सुरक्षाबलों को उनके खात्मे के लिए हाथ खोल दिए हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों को आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दे दिए गए हैं. जम्मू कश्मीर में आतंक और हिंसा से मुक्त वातावरण बनाने के लिए सरकार का प्रयास जारी रहेगा.

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बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा रमजान के दौरान सीजफायर पर लिए गए फैसले के बाद भी आतंकी और पत्थरबाज अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आए. इस दौरान कई बार पत्थरबाजों ने सेना के जवानों पर हमला किया. वहीं सीमा पार से पाकिस्तान ने भी जमकर गोलीबारी की. इस दौरान सेना के जवान औरंगजेब को अगवा कर आतंकियों ने उन्हें मौत के घाट उतार दिया. यही नहीं, कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी पर आतंकियों ने हमला कर उन्हें गोलियों से भून डाला था.

देश की खातिर जान गंवा देने वाले वीर शहीद औरंगजेब को कल नम आंखों से आखिरी विदाई दी गई. जवान की शहादत पर गांववालों ने केंद्र सरकार से 'खून का बदला खून' से लेने की मांग की. इस दौरान शहीद औरंगजेब के पिता मोहम्मद हनीफ ने सेना के अधिकारियों से बात की और बेटे की शहादत का बदला लेने को कहा.

दुखी पिता हनीफ ने कहा, 'फ़ौजी या तो मारता है या मरता है. लोग अपने बच्चों को सेना में भेजना बंद कर देंगे तो देश के लिए कौन लड़ेगा.' हनीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए यह भी कहा, 'केंद्र सरकार मेरे बेटे की शहादत का बदला ले.'

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