जाट आरक्षण की आग में सुलग रहे हरियाणा में शांति के लिए सरकार बातचीत के रास्ते पर चलना चाहती है. बीजेपी ने अपने जाट नेताओं से समुदाय से बातचीत करने के लिए कहा है. यही नहीं, आंदोलन कर कर रहे जाटों के प्रतिनिधियों को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया है. जबकि संजीव बालियान समेत यूपी और दिल्ली के करीब 50 जाट नेता शनिवार शाम गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने के लिए पहुंचे.
Delhi: Jat leaders from Uttar Pradesh arrive to meet Home Minister Rajnath Singh at his residence #JatReservation pic.twitter.com/MIJqSqmsns
— ANI (@ANI_news) February 20, 2016
राजनाथ सिंह से मिले जाट नेता
केंद्रीय मंत्री और जाट नेता संजीव बालियान के साथ 50 से अधिक जाट नेता शनिवार शाम गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिले. मुलाकात में राजनाथ सिंह ने रविवार शाम तक जाट आरक्षण को लेकर उच्चस्तरीय कमेटी बनाने का भरोसा दिलाया. उन्होंने सबसे शांति बनाए रखने की अपील की.
इससे पहले, दिल्ली में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता संजीव बलियान, ओपी धनकर, चौधरी बिरेंद्र सिंह, राम लाल और अमित जैन ने इस मसले को लेकर बैठक की है. संजीव बलियान ने आंदोलनकारियों से अपील की है कि वे अपने घरों को लौट जाएं और शांति बनाए रखें.
राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन के परिणामों को लेकर पार्टी चिंतित है, क्योंकि यह समुदाय पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के कुछ हिस्सों में अपना प्रभाव रखता है. शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पार्टी के जाट चेहरों से अलग-अलग बातचीत की और इस मामले को शांति कायम करने के संभावित उपायों पर विचार-विमर्श किया.
'हरियाणा में अराजकता का माहौल'
केंद्रीय मंत्री बीरेन्द्र सिंह ने कहा, 'एक तरह से हरियाणा में अराजकता का माहौल है. मैं आंदोलन का नेतृत्व करने वालों से हमारे नेतृत्व के साथ बातचीत करने की अपील करता हूं. अग्रिम मोर्चा थामे युवाओं को भी बातचीत में शामिल होना चाहिए. मैं हरियाणा के लोगों से शांति व भाईचारा बनाए रखने की अपील और प्रार्थना करता हूं.' हरियाणा में पार्टी के सबसे महत्वपूर्ण जाट नेता सिंह के साथ-साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश में पार्टी के चेहरा बने संजीव बालियान, हरियाणा के कैबिनेट मंत्री ओपी धनकड़ और पार्टी महासचिव व राज्य प्रभारी अनिल जैन भी सामने आए हैं.
कांग्रेस पर मढ़ा आरोप
बीरेन्द्र सिंह ने संकट के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उसने जरूरी तैयारियां किए बिना जाटों के लिए राजनीतिक कारणों से आरक्षण घोषित कर दिया. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय को खारिज कर दिया. जैन ने कहा, 'हमें कांग्रेस के गलत कामों की कीमत चुकानी पड़ रही है.' समुदाय के कुछ नेताओं की इस अशंका को दूर करने के लिए बीजेपी उसे आरक्षण देने को इच्छुक नहीं है. सिंह ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वे आरक्षण के पक्ष में हैं. नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार और पार्टी उन तरीकों पर गौर कर रही है, जिनसे जाटों को आरक्षण मिल जाए.
बताया जाता है कि इस संकट का जल्द समाधान और अबादी के लिहाज से महत्वपूर्ण इस समुदाय को राजी करवाने की आवश्यकता को बीजेपी में शिद्दत से महसूस किया जा रहा है. क्योंकि इसके प्रभाव अगले साल के शुरू में होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों में देखने को मिल सकते हैं. मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जाटों ने राज्य में बीजेपी का समर्थन किया था.