पाकिस्तान की एक अदालत ने स्वात घाटी में तालिबान प्रमुख मौलाना फजलुल्ला के खिलाफ शुक्रवार को गिरफ्तारी वारंट जारी किया और पुलिस को सुरक्षाकर्मियों पर हमले समेत अनेक मामलों के संबंध में उसे सात जून तक अदालत के समक्ष पेश करने की हिदायत की.
फजलुल्ला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट स्वात की एक आतंकवाद निरोधी अदालत की ओर से जारी किया गया है. न्यायाधीश इकबाल खान की अध्यक्षता में अदालत तालिबान नेता के खिलाफ खबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार की ओर से भेजे गए 25 मामलों की सुनवाई कर रही है.
फजलुल्ला के खिलाफ मामलों में सुरक्षा बलों और पुलिस पर हमले, निर्दोष लोगों की हत्या और मलाकंड अनुमंडल में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के मामले शामिल हैं. पिछले साल जब पाकिस्तानी सेना ने स्वात घाटी से तालिबान को निकालने के लिए अभियान छेड़ा था तो अवैध एफएम चैनलों से आग उगलने वाले प्रवचन देने के लिए मुल्ला रेडियो के नाम से मशहूर फजलुल्ला अफगानिस्तान भाग गया था.
अफगानिस्तान के नूरिस्तान प्रांत की पुलिस ने हाल ही में दावा किया था कि सुरक्षा बलों के साथ झड़प में फजलुल्ला मारा गया. बाद में तालिबान ने इससे इनकार किया था. एक अन्य घटनाक्रम में खबर-पख्तूनख्वा प्रांत ने 33 उग्रवादियों को पेशावर के केन्द्रीय कारावास से स्वात के कारावास में भेजा है. इन उग्रवादियों को सुरक्षा बलों ने मलाकंड अनुमंडल में छापेमारी के दौरान हिरासत में लिया था.
बहरहाल, प्रतिबंधित तहरीक-ए-निफाज-ए-शरिया मोहम्मदी के प्रमुख मौलाना सूफी मोहम्मद को पेशावर के केन्द्रीय कारावास में ही रखा जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि सूफी को एक अलग कोठरी में रखा जा रहा है और उसका राशन बढ़ा दिया गया है.