न्यायिक हिरासत में चल रहे एसएफआई के एक छात्र नेता को एक सरकारी अस्पताल में उसके बिस्तर पर जंजीर से बांधा गया जिससे विवाद खड़ा हो गया है. पुलिस का कहना है कि जेल अधिकारियों से इस बारे में पूछा जाना चाहिये.
प्रथम वर्ष के छात्र संतोष साहनी को सिलीगुड़ी में तृणमूल कांग्रेस और वामदल के समर्थकों के बीच झड़प के बाद 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था.
वह सोमवार को न्यायिक हिरासत में बीमार पड़ गया और उसे सिलीगुड़ी के पास उत्तरी बंगाल मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पुलिस आयुक्त अनंत कुमार ने सिलीगुड़ी से टेलीफोन पर कहा कि वह न्यायिक हिरासत में है इसलिए इसका जवाब जेल अधिकारियों को देना है. पुलिस का इससे कोई लेना देना नहीं है.
माकपा नेता अशोक भट्टाचार्य दिन में साहनी से मिलने गये और उन्हें बिस्तर पर जंजीर से बंधा पाया. एसएफआई नेता के बिस्तर पर जंजीर से बंधे होने के फुटेज टेलीविजन पर दिखाए गए.
वाममोर्चा प्रमुख बिमान बोस ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार का दावा है कि यह मानवीय चेहरे वाली सरकार है. लेकिन बंगाल में मानवाधिकारों की स्थिति आपातकाल के दिनों से भी बदतर है.
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि घटना निंदनीय है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. मानवाधिकार कार्यकर्ता सुजातो भद्रो ने कहा कि यह मानवाधिकारों का बड़ा उल्लंघन है.