अनुच्छेद-370 पर मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है. इस फैसले पर आजतक से खास बातचीत में बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कश्मीर को लेकर मोदी सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है. इसके समर्थन में कई विपक्षी दल सरकार के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को मिलाकर कांग्रेस के अधूरे काम को पूरा किया है.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जो इसका विरोध कर रहे हैं, वो क्या सोच कर रहे हैं वे खुद नहीं समझ पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज राष्ट्र के एकीकरण के लिए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया तो इसमें क्या परेशानी है. गोवा-सिक्किम में जब एकीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी तब क्यों नहीं विरोध हो रहा था. फिर कश्मीर के लिए क्यों?
उन्होंने कहा कि 26 अक्टूबर 1956 को जिस डॉक्यूमेंट पर राजा हरि सिंह ने साइन किया था, उसमें विशेष राज्य का दर्जा देने की बातें कही जा रही हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं था. विशेष राज्य के दर्जे की बात उसमें बाद में जोड़ी गई थी. इसे आधार बनाकर असंवैधानिक कहने का कोई तर्क नहीं बनता है.
उन्होंने कहा कि कश्मीर के एकीकरण की शुरुआत कांग्रेस ने की थी. उन्होंने कहा 'इसको लेकर 50 के दशक में दो विधान दो प्रधान हटे थे, 1970 में सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग का अधिपत्र आया था, आज हमने इसे पूर्ण किया है.'
बता दें कि सोमवार (5 अगस्त) को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने एक संकल्प पेश किया जिसमें कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद-370 के सभी खंड जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होंगे. इस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तरफ से आदेश जारी होने के साथ ही मोदी सरकार ने अनुच्छेद-370 को हटाने के लिए संवैधानिक प्रावधानों की कानूनी व्याख्याओं का सहारा लिया है. इसमें जम्मू-कश्मीर में मौजूदा समय में लगा राज्यपाल शासन अहम कड़ी साबित हुआ.