जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद दुनिया भर का चक्कर लगा रहे पाकिस्तान की थ्योरी को यूरोप में भी किसी ने तवज्जो नहीं दी है. यूरोप के थिंक टैंक वोकल यूरोप (Vocal Europe) और यूरोपियन कमीशन के पूर्व डायरेक्टर ब्रायन टॉल ने कहा है कि आर्टिकल 370 को हटाना भारत का आतंरिक मामला है और इससे जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि आएगी.
ब्रसेल्स स्थित थिंक टैंक वोकल यूरोप के चेयरमैन एच मोलोसे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाना भारत का आंतरिक मामला है. पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत आतंक के साये में रहा है, कुछ ही दिन पहले यहां पर 40 सैन्य अधिकारी मारे गए थे. हेनरी मोलोसे ने कहा कि अनुच्छेद-370 को हटाना अच्छा फैसला है और इससे यहां पर सुरक्षा हालात सुधरेंगे. उन्होंने कहा, "इस फैसले के बाद कश्मीर में में बडे वारदातों पर लगाम लगेगी." एच मोलोसे ने उम्मीद जताई कि नई व्यवस्था लागू करने के बाद भारत यहां पर जल्द चुनाव करवाएगा.
UN जाने की बजाय भारत से बात करे पाकिस्तानHenri Molosse: This decision will improve security in this region. It's a good solution&with this decision there'll be no major incident in Kashmir. We hope that after new mechanism, new election will be organised soon,& it'll facilitate links b/w Kashmir & rest of India. (11.09) https://t.co/BJ8nS0HRBW
— ANI (@ANI) September 11, 2019
यूरोपियन कमीशन के पूर्व डायरेक्टर ब्रायन टोल ने कहा कि भारत सरकार का कहना है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाना कश्मीर के लोगों को ज्यादा आर्थिक अवसर देना है, उम्मीद करते हैं कि नतीजे ऐसे ही होंगे. ब्रायन टोल ने पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा कि उसे कश्मीर मुद्दा को भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से सुलझाना चाहिए बजाय इसके कि वो संयुक्त राष्ट्र या फिर दूसरी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के पास जाकर अपनी कहानी बताता रहे.
Brian Toll: It is another area that needs to have opportunities for economic development. It needs to have its people represented in relevant political bodies,have a voice on economic in the area so China-Pak Economic Corridor needs to be of interest of people of Gilgit-Baltistan https://t.co/4z1sVbdzyV
— ANI (@ANI) September 11, 2019
ब्रायन टोल ने पाक अधिकृत कश्मीर के हिस्से गिलगित बाल्टिस्तान को भारत का हिस्सा बताया और कहा कि इस क्षेत्र को भी आर्थिक मौके मिलने चाहिए. उन्होंने कहा, "गिलगित बाल्टिस्तान तकनीकी रूप से भारत का हिस्सा है इसलिए ये भी एक ऐसा इलाका है जहां पर आर्थिक विकास के मौके आने चाहिए, यहां के लोगों को राजनीतिक दलों में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए.