नोटबंदी के बाद आखिर सरकार के पास कितने रुपये आए और इसमें से कितने रुपये काले धन के रूप में छुपाए गये थे? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर कोई जानना चाहता है, लेकिन इसको लेकर कोई स्पष्ट नहीं है. लेकिन यही सवाल दोबारा तब चर्चा का विषय बन गया जब 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन का जिक्र करते हुए यह कहा कि नोटबंदी के बाद तीन लाख करोड़ रुपए सरकार के पास आ गए. पीएम के इस बयान पर विपक्ष हमलावर हो गया है.
प्रधानमंत्री के इस बयान की काफी चर्चा हुई और कई लोगों ने यह सवाल उठाया कि जब रिजर्व बैंक के गवर्नर खुद कह रहे हैं कि नोटबंदी के बाद कितना रुपया आया इसकी गिनती अभी तक नहीं हुई है तो प्रधानमंत्री आखिर किस जानकारी के आधार पर ऐसा दावा कर रहे हैं. इस बारे में बुधवार को जब वित्त मंत्री अरुण जेटली से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो आंकड़े दिए हैं उसमें कुछ भी गलत नहीं है और यह भ्रम इसलिए फैला है क्योंकि लोग इसे समझने में भूल कर रहे हैं.
कुछ समय पहले ही वित्त मंत्रालय की स्थाई समिति के सामने जब आरबीआई के गवर्नर हाजिर हुए थे, तब यही सवाल स्थाई समिति के सदस्यों ने उनसे पूछा था. लेकिन तब आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने स्थाई समिति को कहा था कि नोटबंदी के दौरान जो रुपये जमा किए गए थे, उनकी गिनती अभी तक चल रही है और गिनती पूरी होने तक इसके बारे में ठीक तरह से नहीं कहा जा सकता.
15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद तीन लाख करोड़ रुपए सरकार के पास आ गए जो अभी तक बैंकों कपहुंच से दूर थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बाहर की स्वतंत्र एजेंसी के अध्ययन के आधार पर यह कहा जा सकता है कि दो लाख करोड़ रुपये का कालाधन सामने आया है और करीब पौने दो लाख करोड़ रुपये ऐसे हैं जिसकी सरकार जांच करेगी क्योंकि इसके बारे में शक है कि यह काला धन हो सकता है.
अरुण जेटली ने कहा कि यह विभाग उनके अंतर्गत आता है इसलिए वह कह सकते हैं कि कितना रुपया जमा हुआ और कितना काला धन है. इसका आंकड़ा पूरी तरह से सिर्फ रिजर्व बैंक नहीं दे सकता. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स हमेशा बहुत से मामलों की जांच में लगा रहता है और बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हें जांच के बारे में नोटिस दी जाती है. जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो आंकड़ा दिया है वह सिर्फ आरबीआई की जानकारी के आधार पर नहीं बल्कि इन सारी बातों को ध्यान में रखकर दिया गया है कि हमारे जांच के दायरे में कितनी रकम है और हमें निकट भविष्य में कितना काला धन मिलने जा रहा है.
स्रोत बताने से किया इंकार
प्रधानमंत्री की जानकारी के स्रोत के बारे में पूछे जाने पर अरुण जेटली ने कहा कि जब प्रधानमंत्री लाल लाल किले से भाषण देते हैं तो वह कोई लेख नहीं लिख रहे होते जिसमें हर जानकारी और हर आंकड़े का स्रोत बताया जाए.