पूर्व क्रिकेटर और दरभंगा से बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने अपनी ही पार्टी के सांसद और राज्यसभा के विपक्ष के नेता अरुण जेटली से स्पॉट फिक्सिंग मामले में इस्तीफा मांगा है.
कीर्ति आजाद ने आईपीएल कमिश्नर राजीव शुक्ला से तो इस्तीफा मांगा ही साथ ही उन्होंने जेटली से भी अनुशासन समिति के अध्यक्ष के नाते इस्तीफा देने को कहा. आजाद ने जेटली से यह भी पुछा कि उन्होंने मिल रही गंभीर शिकायतों पर ध्यान देते हुए कार्रवाई क्यों नहीं की.
कीर्ति आजाद ने पहले की क्रिकेट और अन्य खेलों में सट्टेबाजी को कानूनी हक देने की मांग कर रखी है. उनकी दलील थी कि इससे सरकार को कर के रूप में आय होगी जिसका उपयोग विकास कार्यों के लिए किया जा सकेगा.
1983 में विश्वकप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे आजाद का यह भी मानना है कि खेल महासंघों और संघों को नियंत्रित किया जाए. गौरतलब है कि आजाद पहले भी बीसीसीआई पर विदेशी मुद्रा के हेरफेर का आरोप लगा चुके हैं.
कीर्ति आजाद और बीसीसीआई के बीच की तनातनी जग जाहिर है. उनके तल्ख अंदाज को लेकर कीर्ति आजाद पर कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी आरोप मढ़ा था, 'कीर्ति आजाद और निराश क्रिकेटरों का उनका गुट आईपीएल की आलोचना के बहाने बीसीसीआई और डीडीसीए के खिलाफ जहर उगल रहा है. उनकी भाषा, व्यवहार और झूठे आरोपों से क्रिकेट का नुकसान हो रहा है. असल में उनका नेता कीर्ति आजाद राजनीतिज्ञ है और उनकी ताजा भड़ास केवल सस्ती लोकप्रियता पाने का फंडा है.'
आपको बता दें कि एक अनुमान के मुताबिक अगर देश में खेल सट्टेबाजी को कानूनी करार दिया जाएगा तो इससे सरकार को करीब 12,000 करोड़ रुपये की आमदनी होगी.