बहुप्रतिक्षित जीएसटी बिल के मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का घेराव किया है. जेटली ने शुक्रवार को इशारों-इशारों में कहा कि बार-बार आ रही बाधा के लिए पूरी पार्टी नहीं, बल्कि कांग्रेस के शीर्ष और चंद नेता ही जिम्मेदार हैं.
वित्त मंत्री ने संसद में गतिरोध पैदा करने के लिए कांग्रेस पर फिर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जीएसटी विधेयक को पारित नहीं होने देकर परपीड़ा का सुख ले रहे हैं, लेकिन यह पारित होगा और आखिर में सफलता मिलेगी. जेटली ने यह भी उम्मीद जताई कि संभवत: अच्छे मानसून से आने वाले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन करेगी, क्योंकि इससे पहले लगातार तीन साल के दौरान कभी भी मानसून कमजोर नहीं रहा.
जेटली शुक्रवार को एक पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे. इस अवसर पर उनके साथ रेल मंत्री सुरेश प्रभु और दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद भी थे.
सफलता का सुख
अरुण जेटली ने कहा, 'लोकतंत्र इस तरह से काम नहीं करता है. यह जाहिर है कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को पारित नहीं होने देने से कुछ लोगों को परपीड़ा का सुख मिल रहा है. हालांकि, लोकतंत्र की अपनी मजबूती है, आखिर में सफलता मिलने पर जो सुख मिलता है वह सबसे अच्छा होता है.'
गौरतलब है कि अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में प्रमुख सुधार माने जा रहे जीएसटी का मार्ग प्रशस्त करने के वास्ते लाया जा रहा संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा में अटका पड़ा है. कांग्रेस के कड़े विरोध के कारण यह अटका हुआ है, जबकि जेडीयू, आरजेडी और बीजू जनता दल सहित कई क्षेत्रीय पार्टियां इसके पक्ष में हैं.
समर्थन कर रहे हैं यूपीए के सहयोगी
जेटली ने कहा, 'करीब करीब सभी इसके पक्ष में हैं. किसी एक प्रस्ताव के समर्थन में मैंने क्षेत्रीय दलों का इस तरह एकजुट होना कभी नहीं देखा. यहां तक कि यूपीए के सहयोगी भी इसका समर्थन कर रहे हैं. आरजेडी ने कहा है कि वह इसका समर्थन कर रहा है. जेडीयू और एनसीपी भी इसका समर्थन कर रही है. केवल एक राजनीतिक दल है जो कि इसका विरोध कर रहा है.'
'समस्या राजनीति नहीं, कुछ लोगों के साथ है'
उन्होंने आगे कहा, 'जब मैं पार्टी की मध्यम कमांड से बात करता हूं तो मैं उम्मीद के साथ लौटता हूं और जब मैं हर सुबह 11 बजे संसद का सत्र शुरू होने से ठीक पहले मिलता हूं तो मुझे लगता है कि मध्यम पंक्ति के ऊपर हाई-कमान का असर हो जाता है. समस्या भारतीय राजनीति के साथ नहीं है बल्कि समस्या, मुझे लगता है कि कुछ लोगों के साथ है.'
दुनियाभर में गतिविधियां धीमी
आर्थिक वृद्धि के मुद्दे पर जेटली ने कहा कि यह कटु सत्य है कि दुनियाभर में गतिविधियां धीमी पड़ी हैं. ऐसे समय जब हर कोई यह देखता है कि भारत में क्या चल रहा है तो उसे महसूस होता है कि जब प्रतिकूल परिस्थितियों में भी भारत 7.5 फीसदी की वृद्धि हासिल करने की क्षमता रखता है तो फिर सामन्य परिस्थितियों में यह 7.5 फीसदी नहीं रह सकता है. उन्होंने कहा कि सरकार भारत को उच्च आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर ले जाने की दिशा में काम कर रही है.
जेटली ने कहा कि देश 7 से 7.5 फीसदी की वृद्धि हासिल करेगा और बेहतर स्थिति में आने के लिए एक से डेढ़ फीसदी की अतिरिक्त वृद्धि मानसून, वैश्विक आर्थिक वृद्धि सहित कई कारकों पर निर्भर करती है.