राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के फोन टैपिंग के मामले में दिल्ली पुलिस को आरोपियों के खिलाफ चल रहे कानूनी कार्रवाई को गंभीरतापूर्वक आगे ले जाने को कहा है, ताकि आरोपी को सजा दी जा सके. विशेषाधिकार समिति ने दिल्ली पुलिस को केस की प्रगति के बारे में समिति को अवगत कराने को कहा है.
ये मामला 2013 का है जब अरुण जेटली राज्यसभा में बीजेपी के नेता थे. राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने राज्यसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि सांसदों के फोन कॉल रिकॉर्ड को अवैध तरीके से लेना विशेषाधिकार का हनन है अगर इस वजह से सांसद के काम-काज में बाधा आती है.
बता दें कि समिति ने अपनी पिछली रिपोर्ट में कॉल डेटा रिकॉर्ड को अवैध तरीके से हासिल करने को विशेषाधिकार का हनन नहीं बताया था, लेकिन तब रिपोर्ट का कई सांसदों ने विरोध किया था. इसके बाद विशेषधिकार समिति ने इस रिपोर्ट को फिर से तैयार किया. पैनल ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर की राय सुनी और अटॉर्नी जनरल की राय भी इस मामले पर ली. इस मामले की जांच करने के बाद पैनल इस राय पर पहुंची कि यदि संसद के मौजूदा सदस्यों के फोन कॉल रिकॉर्ड को अवैध तरीके से हासिल करने पर उनके संसदीय काम-काज में कोई बाधा पहुंचती है तो इसे विशेषाधिकार का हनन माना जाएगा. साथ ही इस कदम को आपराधिक कानून के तहत निजता का भी उल्लंघन माना जाएगा.
बता दें कि राज्यसभा के कुछ सदस्यों द्वारा 2013 में अरुण जेटली के फोन की मॉनिटरिंग और सर्विलांस के मामले में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया था. राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने इसी मामले में अपनी रिपोर्ट सौंपी है और दिल्ली पुलिस को पूरी गंभीरता के साथ केस को अदालत में फॉलो करने को कहा है.