scorecardresearch
 

PM को सलाह पर जेटली का पलटवार, बोले- अपनी पार्टी को राय दें मनमोहन

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूर्व पीएम मनहमोहन सिंह पर पलटवार किया है. उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर कहा है कि मनमोहन पीएम को सलाह न दें. अपनी पार्टी को सलाह दें.

Advertisement
X
अरुण जेटली
अरुण जेटली

Advertisement

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जवाब लिखा है. उस सलाह पर कि नरेंद्र मोदी को यह समझना चाहिए कि वह पूरे देश के पीएम हैं. अब जेटली ने उल्टे मनमोहन सिंह को बताया है कि उन्हें क्या करना चाहिए. उनकी फेसबुक पोस्ट का टाइटल ही है- डॉ. मनमोहन सिंह को अपनी पार्टी को क्या सलाह देनी चाहिए? तो जो जेटली ने लिखा वो कुछ यूं हैः-

बोले- कांग्रेस को दें पावरफुल मैसेज
पूर्व पीएम और राष्ट्रपति बहुत कम ही बोलते हैं. लेकिन जब बोलते हैं तो पूरा मुल्क उन्हें सुनता है. ध्यान देता है. उनसे उम्मीद की जाती है कि वे पक्षपाती होकर अपनी राय नहीं रखेंगे. रचनात्मक सलाह देंगे और देशहित में अपनी पार्टी तक को पावरफुल मैसेज देंगे. मैं डॉ. मनमोहन सिंह का सम्मान करता हूं और उनसे भी यही उम्मीद करता हूं.

Advertisement

What Dr. Manmohan Singh should advise his Party?Former Presidents and Prime Ministers rarely speak, but when they do,...

Posted by Arun Jaitley on Friday, February 12, 2016

ऐसे की अपनी सरकार की तारीफ
मैंने इंडिया टुडे में उनका इंटरव्यू पढ़ा. खासतौर पर उनकी चिंता कि प्रधानमंत्री और सरकार विपक्ष से राय बिना लिए ही काम कर रही. उन्हें लगता है कि अर्थव्यवस्था के लिए सरकार के प्रयास नाकाफी हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि मनमोहन अगर मौजूदा सरकार का निष्पक्ष विश्लेषण करें तो उन्हें लगेगा कि भारत में ऐसी सरकार है, जहां पीएम के शब्द अंतिम फैसला होते हैं. जहां प्राकृतिक संसाधन पारदर्शी प्रक्रिया से आवंटित किए जाते हैं. बिना भ्रष्टाचार के. जहां उद्योगपति अपनी फाइलें बढ़वाने के लिए नॉर्थ ब्लॉक के चक्कर नहीं लगाते. जहां एनवायर्न्मेंट क्लीयरेंस अटकते नहीं.

यूपीए पर साधा निशाना
क्या सरकार के वर्क कल्चर में कोई अंतर आया? यूपीए सरकार के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपने बोर्ड या नॉर्थ ब्लॉक तक से भी बमुश्किल ही चल पाते थे. वे चलते थे 24, अकबर रोड (कांग्रेस मुख्यालय) से. बिजली और इंफ्रास्ट्रक्चर में चुनौतियां यूपीए ने देखी ही नहीं. उनसे हम अब निपट रहे हैं. अटके पड़े कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट अब आगे बढ़ने लगे हैं. भारत ने 'पॉलिसी पैरालिसिस' से 'ग्लोबल ब्राइट स्पॉट' तक का सफर तय किया है. सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था.

जीएसटी पर भी घेरा
जहां तक विपक्ष से राय न लेने की बात है तो कांग्रेस को छोड़कर तकरीबन सभी राजनीतिक पार्टियां जीएसटी को सपोर्ट करती हैं. कांग्रेस ने पलटी मार ली है. संसदीय कार्य मंत्री और मैंने खुद संसद में कांग्रेस के हर वरिष्ठ नेता से चर्चा की है. अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह को अपनी पार्टी को सलाह देनी चाहिए.

Advertisement

यह कहा था मनमोहन ने
मनमोहन सिंह ने 'इंडिया टुडे' से खास बातचीत में कहा था कि सरकार के रवैये की वजह से जनता का भरोसा हटा है. सरकार की हालत देखकर लगता है कि उसमें आत्मविश्वास की कमी है. पीएम मोदी को समझना चाहिए कि वह पूरे भारत देश के पीएम हैं.

Advertisement
Advertisement