नरेंद्र मोदी सरकार में वरिष्ठ मंत्री अरुण जेटली ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी मुख्तार अब्बास नकवी की उस टिप्पणी को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जो लोग गोमांस खाए बिना नहीं रह सकते, उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए.
अरुण जेटली ने आगाह करते हुए कहा कि लोगों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहना चाहिए. हालांकि उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से सरकार या उसकी नीतियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नकवी की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर वित्तमंत्री जेटली ने कहा, ‘स्वाभाविक है कि लोगों को अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए. प्रधानमंत्री भी कई बार ऐसा कह चुके हैं.’ जेटली ने मोदी सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियां बताने के लिए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था.
दरअसल, नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल के कामकाज की खुली समीक्षा करने के लिए लोकप्रिय चैनल आजतक ने शुक्रवार को 'मंथन' नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया था. इसमें चर्चा के दौरान अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यह बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया था कि अगर लोगों का एक वर्ग इसलिए मर रहा है कि वे गोमांस बेच या खा नहीं सकते, तो उनके लिए यह देश नहीं है. उन्होंने कहा था, 'वैसे लोगों को पाकिस्तान या अरब देश चले जाना चाहिए, या दुनिया के किसी भी उस देश जहां यह उपलब्ध है.’
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की बीजेपी-शिवसेना सरकार ने गोवंश के वध पर प्रतिबंध लगा दिया है और इनके मांस की बिक्री या उसे रखे जाने पर पांच साल की कैद और 10 हजार रुपये का दंड तय किया है.
इनपुट: भाषा