वित्त मंत्री अरुण जेटली का एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा. जेटली जांच के लिए गुरुवार दोपहर एम्स पहुंचे. खबरों के मुताबिक किडनी ट्रांसप्लांट के लिए गुरुवार को डोनर और जेटली की मीटिंग हुई. 7 अप्रैल को ट्रांसप्लांट होने की संभावना जताई जा रही है.
वित्त मंत्री की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए एम्स से डॉक्टरों की टीम को डॉ. वीके बंसल लीड करेंगे. डॉ. निखिल टंडन और डॉ. गौतम शर्मा भी टीम में शामिल हैं. जेटली ने इस मामले पर कहा है कि उन्हें किडनी से संबंधित इन्फेक्शन हो गया है, जिसका इलाज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ऐहतियातन वे अभी घर से ही पूरा कामकाज देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि डॉक्टर बताएंगे कि आगे किस तरह से इलाज किया जाएगा.
गौरतलब है कि जेटली पिछले काफी समय से किडनी से संबंधित परेशानी से जूझ रहे हैं. बजट पेश करने के दौरान वे कई बार ज्यादा देर तक खड़े नहीं रह पा रहे थे. इसके चलते वे बैठकर बजट पेश कर चुके हैं.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को एक ट्वीट कर वित्तमंत्री अरुण जेटली के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना की. सिंघवी ने कहा कि बुधवार को राज्यसभा में नए नेताओं के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में अरुण जेटली न देखकर आश्चर्य हुआ. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को ट्वीट कर उनके ठीक होने की कामना की. उन्होंने कहा कि बाद में मुझे उनके खराब स्वास्थ्य के बारे में पता चला. ये चकित करता है कि शुगर और किडनी की समस्या के बावजूद वो इतने व्यस्त शेड्यूल को मेंटेन करते रहे. सिंघवी ने वित्तमंत्री के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है.
I am being treated for kidney related problems & certain infections that I have contracted. I am therefore currently working from controlled environment at home. The future course of my treatment would be determined by the doctors treating me: A Jaitley pic.twitter.com/4OllMP3qeU
— ANI (@ANI) April 5, 2018
खबरों के मुताबिक 65 साल के मंत्री से फिलहाल सभी तरह आधिकारिक जिम्मेदारियां ले ली गई हैं. खराब स्वास्थ्य के चलते अरुण जेटली बुधवार को राज्यसभा में शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए. डॉक्टरों ने जेटली को बाहर न निकलने की सलाह दी है, ताकि किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचा जा सके.
सितंबर 2014 में अरुण जेटली की वजन कम करने के लिए बैरियाट्रिक सर्जरी हुई थी, जोकि सफल रही. हालांकि इसके बाद उन्हें दोबारा अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े क्योंकि सर्जरी के चलते सांस संबंधी इंफेक्शन्स का सामना करना पड़ा था.
वित्त और कॉरपोरेट मामलों का प्रभार देख रहे केंद्रीय मंत्री शुगर की समस्या से भी जूझ रहे हैं और बीते सालों में हर्ट सर्जरी भी करवा चुके हैं.