दिल्ली के एम्स में भर्ती पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की तबीयत में थोड़ा सुधार बताया जा रहा है. एम्स के डॉक्टरों ने शनिवार सुबह बताया है कि उनकी सेहत में कुछ सुधार हुआ है.
इससे पहले शनिवार सुबह-सुबह जेटली से मुलाकात करने उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू एम्स पहुंचे. उपराष्ट्रपति ने एम्स के डॉक्टरों से जेटली की सेहत के बारे में जानकारी ली. जेटली इस वक्त गहन चिकित्सा केंद्र में भर्ती हैं. डॉक्टर उन पर लगातार निगरानी बनाए रखे हुए हैं.
अरुण जेटली का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने उपराष्ट्रपति को बताया कि जेटली पर इलाज का असर हुआ है और उनकी हालत स्थिर है. उपराष्ट्रपति ने एम्स में मौजूद अरुण जेटली के परिवारवालों से भी मुलाकात की.
बता दें कि शुक्रवार को पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को घबराहट और कमजोरी की शिकायत के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया गया था. एम्स के वरिष्ठ चिकित्सकों ने बाद में कहा कि उनकी जांच चल रही है और हालत स्थिर है.
The doctors informed the Vice President that Shri Jaitley is responding to the treatment and his condition is stable.
The Vice President also met Shri Jaitley’s family members who were present. #ArunJaitley
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) August 10, 2019
अरुण जेटली के एम्स में भर्ती होने की सूचना राजनीतिक गलियारे में आने के बाद हलचल मच गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और बीजेपी के दूसरे बड़े नेताओं ने अस्पताल जाकर जेटली का हाल-चाल लिया.
एम्स के एक सीनियर डॉक्टर के मुताबिक जेटली शुक्रवार को रुटीन जांच के लिए शुक्रवार 10 बजे एम्स के ह्रदय रोग विभाग में आए थे. प्राथमिक जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें एडमिट होने की सलाह दी. अब एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजिस्ट की एक टीम उनकी सेहत पर नजर रखे हुए है. जेटली के परिवार के सदस्य एम्स के कार्डियोथोरेसिस और न्यूरोसाइंसेस सेंटर के वीआईपी कक्ष में मौजूद हैं, और उनके सेहत का पल-पल अपडेट ले रहे हैं.
अरुण जेटली पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे हैं. उन्हें सॉफ्ट टिशू कैंसर नाम की बीमारी है. बता दें किडनी संबंधी बीमारी के बाद पिछले साल मई में अरुण जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था. किडनी की बीमारी के साथ ही कैंसर होने से उनकी हालत खराब हो गई है. सॉफ्ट टिशू कैंसर के इलाज के लिए वे इसी साल जनवरी में अमेरिका गए थे.
अरुण जेटली ने पिछली मोदी सरकार में वित्त मंत्री थे, वे कुछ दिनों तक रक्षा मंत्री भी रहे थे, लेकिन इस बार सेहत संबंधी दिक्कतों की वजह से वह सरकार में शामिल नहीं हुए थे. उन्होंने खुद पत्र लिखकर कहा था कि सेहत समस्या की वजह से वह मंत्रिमंडल में किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं. हालांकि बीमार रहने के बावजूद जेटली सम-सामयिक मुद्दों पर ट्विटर और अपने ब्लॉग के जरिए टिप्पणी करते रहते थे. हाल ही में उन्होंने तीन तलाक बिल पास होने और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाये जाने पर अपनी राय जाहिर की थी.