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अरुण जेटली का आखिरी ट्वीट, इन्हें किया था नमन, धारा 370 के लिए लिखी थी ये बातें

पूर्व वित्‍त मंत्री और बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता अरुण जेटली नहीं रहे. ये था उनका आखिरी ट्वीट... कांग्रेस पार्टी के लिए लिखी थी ये बातें...

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अरुण जेटली (फाइल फोटो)
अरुण जेटली (फाइल फोटो)

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  • पूर्व वित्‍तमंत्री और बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता अरुण जेटली नहीं रहे
  • ये था उनका आखिरी ट्वीट, तुलसीदास जी किया था नमन
  • अपने अंतिम ब्लॉग में किया था धारा 370 को हटाने का जिक्र

पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का 66 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनको बीते 9 अगस्त को दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया था. उस समय उनको सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. लंबे समय से चल रही बीमारी के चलते उन्होंने दूसरी बार नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर कैबिनेट में शामिल होने से विनम्रता पूर्वक मना कर दिया था. अरुण जेटली मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में दूसरे नंबर के सबसे अहम शख्सियत थे. अपने फैसलों से वह हमेशा चर्चा में बने रहते थे.

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अरुण जेटली सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव थे वह अपना खुद का ब्लॉग भी लिखा करते थे. उन्होंने 6 अगस्‍त 2019 को आखिरी बार ट्वीट किया था. जिसमें उन्‍होंने लिखा था "महान संत तुलसीदास जी की जयंती पर उनको कोटि कोटि नमन.

वहीं आपको बता दें, 6 अगस्त को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया  था. जिस पर अरुण जेटली ने सुषमा जी के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट करते हुए लिखा था.

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"सुषमा जी के निधन पर दुख, दर्द और टूट गया. वह वर्तमान युग में सबसे उत्कृष्ट राजनीतिज्ञों में से एक थी. वह सभी पदों पर प्रतिष्ठित थीं. वह पार्टी एनडीए सरकार के साथ वरिष्ठ पदों पर रहीं.

आपको बता दें, अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 का जिक्र करते हुए कई बाते लिखी थी.

उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर नीति को लेकर जो कदम उठाया है वह असंभव था. अरुण जेटली ने ट्वीट किया कि उन्होंने अपने ब्लॉग में मोदी सरकार के इस फैसले की विवेचना की थी. इसमें जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को लेकर इतिहास में हुए असफल प्रयासों का भी जिक्र किया गया था.

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इसी के साथ उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा- "सात दशकों से कभी भी जम्मू-कश्मीर को लेकर सही कदम नहीं उठाया गया. वहां जुड़ाव कि नहीं अलगाववाद की बात होती रही. इससे वहां पर अलगाववादी मानसिकता का विकास हुआ. पाकिस्तान कई दशकों से इसी मानसिकता का फायदा उठाता आया है.

कांग्रेस पार्टी तो हेडलेस चिकन की तरह है. वो भारत के लोगों से अब दूर जा रहा है. नया भारत बदल चुका है. सिर्फ कांग्रेस इस बात को समझ नहीं पा रही है. कांग्रेस नेतृत्व लगातार रेस में नीचे से अव्वल आने की ओर भाग रही है."

 अरुण जेटली का शनिवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया है. वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. उन्होंने 12.07 बजे अंतिम सांस ली. वह 66 साल के थे. 9 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ के बाद अरुण जेटली को एम्स में भर्ती कराया गया था. अनुभवी डॉक्टरों की टीम की देखरेख में कई दिनों से उनका इलाज किया जा रहा था.

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