वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दो टूक कहा कि जन धन योजना के तहत एक रुपये जमा वाले खातों की सही संख्या की जानकारी के लिए जांच कराई जा रही है, ताकि बैंकों के इस दावे की सच्चाई पता चल सके कि एक रुपये वाले खातों ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है.
जेटली ने कहा कि जन धन योजना के तहत खोले गये 24 करोड़ खातों में 42 हजार करोड़ से भी ज्यादा धन जमा हैं. जाहिर है ये सिर्फ एक एक रुपये की जमा से इतनी बड़ी रकम नहीं बन सकती है. हो सकता है कुछ खातों में एक रुपये से लेकर सौ रुपये तक राशि जमा हो. लेकिन इनकी तादाद कितनी है या फिर साल भर में इनमें कितनी रकम आई गई उसका हिसाब भी पता चल जाएगा.
पब्लिक सेक्टर बैंकों के साथ तिमाही समीक्षा बैठक के बाद जेटली ने कहा, 'फिलहाल बैंकों के सामने सबसे बड़ी और अहम चुनौती साइबर क्राइम से निपटने की है. बैंक के आंतरिक मामलों से जुड़े आंकड़े हों या ग्राहकों से लेनदेन के खाते. हर जगह साइबर क्रिमिनल की निगाहों से बचना और एहतियाती उपाय करना जरूरी है, क्योंकि शातिर साइबर अपराधियों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के भी लोग काम कर रहे हैं.'
इशारों-इशारों माल्या का जिक्र
वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि बैड लोन यानी डूबते कर्जे की वसूली के लिए भी उपाय कर उनका निपटारा किया जाएगा. हालांकि दिवालिया कंपनियों के लिए हाल ही लागू कानून से बैंकों को काफी मदद मिली है. लेकिन ये भी सच है कि अभी भी डूबते कर्जे बैंकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. जबकि जानबूझकर बैंकों को चूना लगाने वाले उद्योगपतियों या कंपनियों के खिलाफ रकम उगाही के लिए सरकार हर मुमकिन कदम उठाएगी. जेटली का इशारा माल्या की ओर था.
होम लोन की ब्याज दर पर सरकार का फोकस
जेटली ने केंद्र सरकार की योजनाओं में स्टैंड अप इंडिया का जिक्र करते हुए कहा कि इससे महिला उद्यमियों ने काफी फायदा उठाया है. बैठक के बाद वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अब सरकार का फोकस होम लोन पर ब्याज की दरें और कम करने को लेकर है. इस बात पर भी मीटिंग में चर्चा हुई कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की लगातार चल रही सुधार नीति के तहत घटते होम लोन का फायदा बैंक आम जनता तक पहुंचाएं.
मुद्रा योजना के तहत इस साल 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये के लोन देने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक 1 लाख 42 हजार करोड़ तक का आंकड़ा पार हो चुका है. पिछले साल भी सरकार और बैंकों के साथ आम जनता के सहयोग से 1 लाख 22 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य को काफी पीछे छोड़ दिया था. कृषि में भी 9 लाख करोड़ रुपये के लोन देने का लक्ष्य रखा गया है. इसे भी पूरा कर लिया जाएगा.