वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को पनामा पेपर लीक्स मामले में एक बार फिर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं. जेटली ने कहा कि भारतीय नामों के मामलों की जांच के लिए गठित विभिन्न एजेंसियों का समूह हर खाते का विश्लेषण कर रहा है. जिनके पास अवैध खाते हैं उनकी ‘रात की नींद गायब हो जाएगी’.
बता दें कि पेपर लीक्स के आधार पर प्रकाशित रिपोर्ट्स में करीब 500 भारतीयों के नाम सामाने आए हैं, जिन्होंने पनामा में विभिन्न इकाइयों में कथित रूप से धन लगा रखा है. इनमें कई चर्चित हस्तियां और उद्योगपति शामिल हैं. पनामा को कर चोरों के लिए पनाहगाह माना जाता है.
वित्त मंत्री ने दी कड़ी चेतावनी
एक न्यूज चैनल से बातचीत में जेटली ने कहा, 'अब ये पनामा नाम सामने आए हैं. पिछले तीन दिनों में हमने एक समूह गठित किया. हम प्रत्येक खातों की जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन वैध है और कौन अवैध .' कड़ी चेतावनी देते हुए जेटली ने कहा, 'जिनके वैध खाते हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. लेकिन जिनके अवैध खाते हैं, उनकी रात की नींद गायब हो जाएगी.'
पनामा दस्तावेज में विदेशों में खाता रखे जाने की बात सामने आने के तुरंत बाद सरकार ने आरबीआई, आयकर विभाग, वित्तीय खुफिया इकाई और विदेशी कर व कर अनुसंधान के अधिकारियों का एक समूह गठित किया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि खाते वैध हैं या अवैध. जेटली ने कहा, 'जिन लोगों ने अवैध रूप से खाते रखे हैं, हम उसका पता लगाने की कोशिश करेंगे आरै मुझे लगता है कि जल्दी ही सभी चीजें साफ हो जाएंगी.'
'लोग मेरे कड़े रुख के कारण नाराज'
वित्त मंत्री ने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि बीजेपी सरकार कालेधन के बारे में चुनाव पूर्व वादे को पूरा नहीं कर रही है. उन्होंने कहा, 'जो लोग मुझसे नाराज हैं, उसका एकमात्र कारण मेरा इस मामले में कड़ा रुख है.' जेटली ने आगे कहा कि लिशटेन्सटाइन सूची में खातों के खुलासे के बारे में कांग्रेस नीत सरकार ने कुछ नहीं किया, लेकिन बीजेपी सरकार ने मामले की जांच की, आकलन किया और सभी आरोपियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की.
'जारी है आपराधिक कार्यवाही'
जेटली ने आगे कहा, 'कर एकत्रित किए जा रहे हैं और आपराधिक कार्यवाही जारी है.' उन्होंने कहा कि एचएसबीसी खातों में 628 नामों में से 500-525 लोगों का पता लगाया गया और आकलन आदेश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि करीब 150 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. घरेलू कालाधन के बारे में जेटली ने कहा कि लोग इसलिए विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने 2.0 लाख रुपये से अधिक के किसी भी व्यय के लिए पैन के जिक्र को अनिवार्य कर दिया है. इसके कारण कालाधन घट रहे हैं.