यौन उत्पीड़न के बाद बीते 42 सालों से हॉस्पिटल में बेसुध पड़ी नर्स अरुणा शानबाग को वेंटिलेटर पर रखा गया है. मुंबई के केईएम हॉस्पिटल में भर्ती अरुणा के साथ 1973 में हॉस्पिटल के ही एक वार्ड ब्वॉय ने दुराचार किया था. घटना के बाद से ही बिस्तर पर पड़ी अरुणा बीते तीन दिनों से वेंटिलेटर पर हैं.
केईएम हॉस्पिटल के डीन अविनाश सुपे ने बताया कि वह निमोनिया से पीड़ित हैं और तीन दिन से वेंटिलेटर पर हैं. उनकी स्थिति गंभीर है लेकिन स्थिर बनी हुई है.
24 जनवरी 2011 को घटना के 27 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने अरुणा की दोस्त पिंकी बिरमानी की ओर से यूथेनेशिया के लिए दायर याचिका पर फैसला सुनाया था. कोर्ट ने अरुणा की इच्छा मृत्यु की याचिका स्वीकारते हुए मेडिकल पैनल गठित करने का आदेश दिया. हालांकि 7 मार्च 2011 को कोर्ट ने अपना फैसला बदल दिया.
बीते 42 साल से अरुणा केईएम हॉस्पिटल में ही भर्ती है और वहां का स्टाफ ही उनकी देखभाल कर रहा है. पिछले एक महीने से वह आईसीयू में भर्ती थीं.