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अरूप राहा बने नए वायु सेना प्रमुख

कुशल लड़ाकू पायलट एयर मार्शल अरूप राहा में ने एयर चीफ मार्शल एन.ए.के ब्राउन की जगह वायु सेना के 24वें प्रमुख के तौर पर कामकाज संभाल लिया. 59 वर्षीय राहा ने वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में एक संक्षिप्त समारोह में ब्राउन से वायु सेना प्रमुख का कामकाज संभाला.

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अरूप राहा के साथ पूर्व वायु सेना प्रमुख एन.ए.के ब्राउन
अरूप राहा के साथ पूर्व वायु सेना प्रमुख एन.ए.के ब्राउन

कुशल लड़ाकू पायलट एयर मार्शल अरूप राहा ने एयर चीफ मार्शल एन.ए.के ब्राउन की जगह वायु सेना के 24वें प्रमुख के तौर पर कामकाज संभाल लिया. 59 वर्षीय राहा ने वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में एक संक्षिप्त समारोह में ब्राउन से वायु सेना प्रमुख का कामकाज संभाला. समारोह में एयर मार्शल आर.के. शर्मा और डिप्टी चीफ एयर मार्शल एस. सुकुमार उपस्थित थे. 26 दिसंबर, 1954 को जन्मे राहा तीन साल के लिए वायु सेना प्रमुख के तौर पर जिम्मेदारी संभालेंगे.

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कार्यभार संभालने के तत्काल बाद एयर चीफ मार्शल राहा ने 1.75 लाख अधिकारियों और जवानों वाली वायु सेना को दिये अपने संदेश में कहा कि वायु सेना आधुनिकीकरण के रास्ते पर है और पूरी क्षमता के साथ सामरिक वायु शक्ति बन रही है.

उन्होंने कहा, ‘इस सामरिक परिवर्तन प्रक्रिया में मैं समयबद्ध तरीके से नये शामिल किये गये उपकरणों के संचालन के साथ परंपरागत उपकरणों के उच्च परिचालन स्तर को बनाये रखने के लिए सभी वायु सैनिकों से सतत प्रयासों और विशेष ध्यान देने की अपेक्षा करता हूं.’ राहा ने कहा कि वायु सेना उग्रवाद निरोधक अभियानों के लिए तैनात सुरक्षा बलों की मदद करती रहेगी.

वायु सेना में 14 दिसंबर, 1974 को शामिल हुए राहा ने अपने 39 वर्ष के कॅरियर में अनेक जिम्मेदारियां संभाली हैं. वह यूक्रेन में भारतीय दूतावास में एयर अताशे भी रहे.

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राहा ने अनेक तकनीकी पाठ्यक्रमों के अलावा स्ट्रेटेजिक न्यूक्लियर ओरियंटेशन कोर्स और जूनियर कमांडो का कोर्स भी किया है. वह केंद्रीय वायु कमान और पश्चिमी वायु कमान का नेतृत्व भी कर चुके हैं. तिलैया सैनिक स्कूल के पूर्व छात्र राहा ने कहा, ‘नये अधिग्रहण, बेकार उपकरणों की जगह अत्याधुनिक संसाधन लाने और परंपरागत शस्त्र प्लेटफॉर्मों को उन्नत करने से हमारी क्षमता बढ़ेगी.’ वायु सेना प्रमुख ने कहा कि बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड में संचालित किये गये ‘ऑपरेशन राहत’ में वायु सैनिकों ने अत्यधिक समर्पण और प्रतिबद्धता दर्शाते हुए हजारों लोगों की जान बचाई.

उन्होंने कहा, ‘रिकार्ड 3702 उड़ानों का संचालन किया गया था वहीं खराब मौसम, कठिन रास्तों, ऊंचाई और हेलीपैड तैयार नहीं होने जैसी चुनौतियों के बावजूद 24,260 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था.’ वायु सेना प्रमुख ने कहा, ‘हमारी दक्षता और साहस की न केवल भारत में बल्कि विदेशों से भी सभी वर्गों की ओर से सराहना की गयी.’ उन्होंने कहा, ‘मैं अपने सभी वायु सैनिकों का आह्वान करता हूं कि इस महान सेवा की उत्कृष्ट परंपराओं का पालन करें और इस बात को सुनिश्चित करें कि हम गौरवपूर्ण तरीके से आसमान छूएं.’

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