आम आदमी पार्टी के लिए शनिवार 'आम' दिन नहीं रहा. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को निकाल दिया गया. बैठक में अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण की शुरुआत 'इंकलाब जिंदाबाद' और 'भारत माता की जय' नारे के साथ की. केजरीवाल ने कहा, 'मैं अपने दोस्तों और अपनों के खिलाफ लड़ाई नहीं करना चाहता हूं.'
अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'मैं कभी भी इस लड़ाई में नहीं पड़ना चाहता था. मैं राजनीति में कोल स्कैम, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने आया था. मैं अपने प्रशांत भूषण जी से क्यों लड़ूंगा. ये पार्टी 15 दिन के अनशन के बाद बनी थी. मैं, मनीष सिसोदिया और गोपाल राय अनशन पर बैठे थे. मर रहा था मैं. जिन हालात में ये पार्टी बनी थी, मैं इस पार्टी को कुछ नहीं होने दूंगा.'
केजरीवाल अपने भाषण के दौरान कई बार भावुक हुए. केजरीवाल ने दिल्ली चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि इन चुनावों में दो टीमें काम कर रही थीं. एक जीतने के लिए, लेकिन दूसरी टीम डोनेशन रुकवाने का काम कर रही थी. वो पार्टी को हराने की बात कर रहे थे. केजरीवाल ने इसके बाद बैठक में मौजूद लोगों से सवाल किया,' बताइए ऐसे लोगों के साथ क्या किया जाए'. केजरीवाल ने हरियाणा से आए सदस्यों से सवाल किया कि योगेंद्र यादव जिन सिद्धांतों और स्वराज की बात करते हैं, क्या हरियाणा यूनिट के प्रमुख होने के नाते उन्होंने इस पर काम किया. हरियाणा से पार्टी के करीब 25 से 29 प्रतिनिधियों ने केजरीवाल के सवाल पर हाथ उठाकर इस बात से इनकार किया.
नई पार्टी बनाने पर केजरीवाल ने दी सफाई
केजरीवाल ने शुक्रवार को सामने आए स्टिंग ऑपरेशन पर
सफाई दी. केजरीवाल ने इसमें 'किंग सोलोमन' की कहानी का जिक्र किया. इस कहानी में बच्चे की मां की पहचान करने के लिए उसे दो टुकड़ों में काटकर बांटने की बात की गई थी, जिससे डरकर
असली मां बेटे के टुकड़े करने से इनकार कर देती है. केजरीवाल ने कहा, 'मैंने इस पार्टी के लिए अपना खून दिया है. मैं इस पार्टी को बंटते हुए कैसे देख सकता हूं. इसलिए मैंने ये कह दिया था कि
पार्टी को छोड़ने के लिए तैयार हूं. लेकिन मैं इसे बंटते हुए नहीं देख सकता.'
केजरीवाल ने आगे कहा कि हम राज्यों में चुनाव लड़ेंगे, लेकिन जीतने के लिए. उन्होंने कहा, 'हम हर उस राज्य में चुनाव लड़ेंगे, जहां हमारे कार्यकर्ता और बूथ है. मैं बैठक में लड़ने नहीं आया हूं. अगर आप कहें तो मैं इस्तीफा दे सकता हूं. पार्टी जो फैसला करेगी, मैं उसे मानने के लिए तैयार हूं.'
बैठक के दौरान प्रशांत भूषण के समर्थन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एक सदस्य ने अवरोध उत्पन्न करना चाहा, लेकिन केजरीवाल समर्थक ने उसे बैठा दिया. केजरीवाल के भाषण के दौरान योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण चुप रहे. हालांकि केजरीवाल के बोलते वक्त योगेंद्र यादव ने कुछ कहने के लिए हाथ उठाया था.