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केजरीवाल के लिए इस भव्य जीत ने खोलीं 5 और संभावनाएं

अरविंद केजरीवाल  दिल्ली की शानदार जीत का चेहरा हैं. और अब इस चेहरे की जरूरत हर मौके पर पड़ेगी. केजरीवाल अब सिर्फ दिल्ली ही नहीं, राष्ट्रीय राजनीति में फिर से प्रासंगिक हो गए हैं.

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केजरीवाल
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आप की जीत के साथ ही सबसे चर्चित जुमला जो चल निकला है, वो है '5 साल केजरीवाल'. यानी वे इस शानदार जीत का चेहरा हैं. और अब इस चेहरे की जरूरत हर मौके पर पड़ेगी. केजरीवाल अब सिर्फ दिल्ली ही नहीं, राष्ट्रीय राजनीति में फिर से प्रासंगिक हो गए हैं.

1. केजरीवाल ने दिल्ली में वो कर दिखाया है, जो नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने मिलकर लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में किया था. वहां बसपा, सपा का सफाया हो गया. यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों का. ऐसे में केजरीवाल का कद मोदी और शाह के बराबर हो गया है. वे चाहें तो एक बार फिर देश की राजनीति में उभर सकते हैं.

2. ऐसे में जब माना जा रहा था कि देश में मोदी लहर चल रही है, दिल्ली की लगभग 90 फीसदी सीटें पर जीत दिलाने का सेहरा केजरीवाल के ही सिर है. देशभर का मोदी और बीजेपी विरोधी विपक्ष ऐसे ही चेहरे की तलाश में था. वे चाहें तो यह चेहरा बन सकते हैं.

3. चुनाव के पहले से लालू, मुलायम आदि नेता आप के पक्ष में बयान देते रहे हैं. अब जबकि केजरीवाल ने अपना दम दिखा दिया है तो ये सभी तीसरे मोर्चे का नेतृत्व उन्हें देने के लिए भी मन बना सकते हैं. केजरीवाल चाहें तो यह नेतृत्व स्वीकार कर सकते हैं.

4. केजरीवाल को इतनी बड़ी जीत उनके कुछ बुनियादी वादों की वजह से मिली है. इसमें भ्रष्टाचार का सफाया प्रमुख है. जब उन्हें यह अभूतपूर्व बहुमत मिला है तो वे इस पर अमल भी कर सकते हैं.

5. लोकपाल के जरिए केजरीवाल जिस आदर्श प्रशासन की बात करते रहे हैं, वे दिल्ली में उसे अमल में ला सकते हैं. इसे मॉडल राज्य बना सकते हैं.

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