केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सीधा हमला बोला है. उन्होंने केजरीवाल पर विज्ञापन के फंड का इस्तेमाल मीडिया से जोड़-तोड़ करने में खर्च करने का आरोप लगाया है.
जेटली ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि दिल्ली सरकार 'दोस्ताना संबंध' वाले चैनलों-अखबारों को विज्ञापन देते हैं. वहीं आलोचना करने वाले मीडिया हाउस को विज्ञापन नहीं दिया जाता.
माल्या को जल्द वापस लाया जाएगा
जेटली ने भारत में वांटेड विजय माल्या को सुरक्षित पनाह देने के लिए ब्रिटिश सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में हालत यह है कि अगर आप एक कानूनी पासपोर्ट लेकर वहां पहुंचते हैं, तो वह उसे देश से नहीं निकालेंगे. हमें उस शख्स को वापस लाने के लिए प्रत्यर्पण संधि का इस्तेमाल करना होगा. इस मामले में ब्रिटेन बहुत धीमा काम करता है.
भगोड़े को पनाह दे रहा है ब्रिटेन
जेटली ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि ब्रिटिश सरकार यह समझेगी कि एक देश के भगोड़े को किसी और देश में पनाह नहीं मिल सकती. यह सभ्यता नहीं है. सार्वजनिक जीवन में ब्रिटेन की सभ्यता का स्तर बहुत ऊंचा है, लेकिन इस मामले में यह उनकी सभ्यता तो कतई नहीं है.
निहलानी पर हो सकती है कार्रवाई
सूचना और प्रसारण मंत्रालय का भी काम संभाल रहे जेटली ने इशारों में कहा कि आने वाले दिनों में विवादों से घिरे सीबीएफसी के प्रमुख पहलाज निहलानी के पर कतरे जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार फिल्म प्रमाणन की दिशा में जल्द ही एक नई नीति की घोषणा करने वाली है.
नई गाइडलाइंस से व्यक्ति की भूमिका घटेगी
उन्होंने कहा कि मैं पुख्ता तौर पर मानता हूं कि जैसे ही हम नई गाइडलाइन जारी करेंगे, वैसे ही व्यक्तियों की भूमिका कम हो जाएगी. उन लोगों के साथ कैसे निपटा जाए, इस सवाल पर मैं कहूंगा कि आपको सरकार पर यकीन करना चाहिए. सरकार उनसे निपट लेगी और जरूरत के मुताबिक कार्रवाई करेगी.
कैराना में पलायन के सबूत मिले तो हो कार्रवाई
अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में जेटली ने कहा कि रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण को चुनावी मुद्दा नहीं बनाया जाएगा. यूपी में जीत के लिए बीजेपी ध्रुवीकरण की कोशिश भी नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि अगर कैराना से पलायन का कोई सबूत मिलता है तो यह अहम मुद्दा है. राज्य सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.