दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपना दूसरा वादा पूरा कर दिया है. दिल्ली सरकार ने सूबे में बिजली वितरण करने वाली कंपनियों के ऑडिट का प्रस्ताव CAG के पास भेजा है. जिसपर सीएजी ने हामी भर दी है.
सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक BSES यमुना, BSES राजधानी और NDPL का ऑडिट होगा. इन तीनों कंपनियों से दिल्ली सरकार ने बुधवार सुबह तक जवाब मांगा है कि उनका ऑडिट क्यों न कराया जाए.
इस बीच केजरीवाल ने इसी संबंध में CAG से मुलाकात भी की है. बिजली वितरण करने वाली कंपनियों के ऑडिट के संबंध में दिल्ली सरकार के ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त सचिव अंकुर गर्ग ने सीएजी को एक चिट्ठी लिखी जिसमें बिजली वितरण करने वाली कंपनियों का ऑडिट करने की मांग की गई है. इन कंपनियों का ऑडिट इनके गठन के समय से होगा. ऑडिट 1971 के CAG एक्ट के अनुच्छेद 20 (1) के तहत होगा.
सीएजी भी इन तीन कंपनियों के ऑडिट के लिए राजी है. इस संबंध में CAG ने एडिशनल डिप्टी सीएजी राकेश जैन को दिल्ली के ऊर्चा सचिव से ऑडिट के ब्यौरे पर चर्चा करने को कहा है. ये चिट्ठी 31 दिसंबर को लिखी गई. सूचना है कि एडिशनल डिप्टी सीएजी और ऊर्जा सचिव के बीच बैठक आज शाम 4.30 बजे होगी.
शाम 5 बजे दिल्ली कैबिनेट की बैठक
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि आज शाम 5 बजे कैबिनेट की मीटिंग होगी. इस बैठक में पावर और अनाधिकृत कॉलोनियों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी.
हमारे पास सिर्फ 48 घंटे का वक्तः केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने आशंका जताई है कि उनकी सरकार गिर सकती है. उन्होंने तबीयत से जुड़े सवाल पर कहा कि तबीयत का क्या? वो तो ठीक और खराब होती रहती है. हमारे पास 48 घंटे का वक्त है क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच जो जोड़-तोड़ चल रही है उससे पता नहीं कि सरकार कब तक चलेगी. इसलिए हमारी कोशिश है कि 48 घंटे के अंदर जनता का जितना काम हो सकता है हम करा दें.