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स्टिंग के घेरे में केजरीवाल की आदर्शवादी राजनीति, प्रशांत और योगेंद्र ने खोला मोर्चा

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक साथ तीन बड़े झटके लगे हैं.

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प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल और योगेंद्र यादव (फाइल फोटो)
प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल और योगेंद्र यादव (फाइल फोटो)

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को एक साथ तीन बड़े झटके लगे हैं. उनकी पार्टी के पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने स्टिंग ऑपरेशन का दावा किया है और एक ऑडियो क्लिप को केजरीवाल की आवाज वाला टेप बताकर उन पर कांग्रेस को तोड़ने का आरोप लगाया है. राजेश गर्ग ने ये कहकर खलबली मचा दी है कि केजरीवाल और उनके करीबी नेताओं ने दिल्ली में दोबारा सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के विधायकों को खरीदने की कोशिश की थी. इस आरोप के बाद पार्टी नेता अंजलि दमानिया ने इस्तीफा दे दिया. वहीं, प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के मुद्दे पर भी केजरीवाल और उनके करीबी नेता घिरते हुए नजर आ रहे हैं.

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केजरीवाल का स्टिंग
राजेश गर्ग ने केजरीवाल के दामन पर खरीद-फरोख्त का इल्जाम लगाया है. उन्होंने कहा है कि विधानसभा भंग होने से पहले केजरीवाल और संजय सिंह समेत कई नेताओं के फोन आते थे. राजेश गर्ग का दावा है कि कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने की कोशिशें करने के लिए कहा जाता था. राजेश गर्ग का दावा है कि विधानसभा भंग होने के पहले का ये ऑडियो क्लिप उनके और अरविंद के बीच हुई बातचीत का हिस्सा है, जिसमें अरविंद केजरीवाल राजेश गर्ग से कह रहे हैं कि कांग्रेस के 6 विधायकों को तोड़कर अलग दल बनवाओ और वो दल हमें समर्थन कर दें.

अंजलि दमानिया का पार्टी से इस्तीफा
अरविंद केजरीवाल पर इतना बड़ा आरोप लगने के बाद पार्टी की नेता अंजलि दमानिया ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा है कि सिद्धांतों के लिए आम आदमी पार्टी में शामिल हुई थीं. लेकिन अब लगता है हालात पूरी तरह बदल चुके हैं.

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झूठे हैं सारे आरोपः AAP
इस बीच, आम आदमी पार्टी ने राजेश गर्ग के आरोपों के बेबुनियाद बताया है. पार्टी के नेता सीधे तौर से स्टिंग को खारिज तो नहीं कर रहे हैं, पर खरीद-फरोख्त के आरोपों को साफ नकार दिया है. अपनी ही पार्टी के पूर्व विधायक के आरोपों का जवाब कुमार विश्वास ने आरोपों से दिया है. उन्होंने दावा किया है कि राजेश गर्ग पार्टी की टिकट के लिए इस स्टिंग के जरिए ब्लैकमेल करने कोशिश कर रहे थे.

राजेश गर्ग को कुमार विश्वास की दो टूक
कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, 'राजेश गर्ग जी मैंने इस ऑडियो क्लिप को उसी दिन पार्टी को दे दिया था जब आपने इसके बदले में विधानसभा टिकट के लिए ब्लैकमेल करने की कोशिश की थी. याद है न? आपको टिकट नहीं दिया गया था. आप कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं.'

प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने फोड़ा 'लेटर बम'
प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की ओर से भी एक लंबा-चौड़ा खत जारी किया गया है. चिट्ठी में दोनों ने अपने ऊपर लगे कई आरोपों पर हैरान करने वाली बातें लिखी हैं. उन्होंने लिखा है, 'हम दोनों ने किसी भी औपचारिक या अनौपचारिक बैठक में केजरीवाल को संयोजक पद से हटाने का कोई जिक्र नहीं किया. 26 फरवरी की बैठक में अरविंद के इस्तीफे का प्रस्ताव आया था. तब हम दोनों ने उनके इस्तीफे को नामंजूर करने का वोट दिया. राष्ट्रीय संयोजक का पद न तो कभी मुद्दा था और न अब है. लोकसभा चुनाव के नतीजे आते ही अरविंद ने प्रस्ताव रखा कि दोबारा कांग्रेस से समर्थन लेकर दिल्ली में सरकार बना लें.

समझाने-बुझाने की तमाम कोशिशों के बावजूद केजरीवाल और कुछ अन्य सहयोगी इस बात पर अड़े रहे. दिल्ली के ज्यादातर विधायकों ने उनका समर्थन किया. लेकिन दिल्ली और देश भर के कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया. लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और आशुतोष ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पीएसी के सभी सदस्यों से अपना इस्तीफा केजरीवाल को सौंपने की मांग रखी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी को भी भंग करने की बात उठाई गई. हमने बाकी साथियों के साथ मिलकर इसका कड़ा विरोध किया.'

योगेंद्र और प्रशांत ने खत में ये भी लिखा है कि टिकट बांटने के दौरान कुछ उम्मीदवारों की शिकायत पर हमने विरोध दर्ज कराया था. पार्टी को मिले चंदे में ब्लैकमनी की बात आने पर जांच की बात कही थी. चिट्ठी में लिखा है कि जिन मुद्दों पर मतभेद हैं, वो सब उन्होंने इसलिए उठाए ताकि आम आदमी पार्टी की साफ राजनीति वाली छवि बनी रहे.

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