प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निशाने पर रहते हैं. अपने भाषणों और बयानों में वह पीएम के खिलाफ जिन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, उस पर आपत्ति जताते हुए एक वकील ने कोर्ट में याचिका दायर की है और कहा कि केजरीवाल पीएम के खिलाफ जिस तरह 'मानहानि और देशद्रोह' शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, वह सामाजिक समरसता को बिगाड़ सकता है.
शिकायतकर्ता की तरफ से वकील अनुपम द्विवेदी ने कोर्ट से मांग की है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 124A (राजद्रोह) और 500 (मानहानि) के तहत मुकदमा चलाया जाए. अनुपम का तर्क है कि केजरीवाल की टिप्पणियों में 'विद्रोहात्मक इरादा' झलकता है और इससे प्रधानमंत्री के खिलाफ 'घृणा और अवमानना' फैल गया.
राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है कारण
वकील प्रदीप द्विवेदी से बहस के दौरान अनुपम द्विवेदी ने कहा, 'यह दुर्भाग्य है कि यह एक व्यक्ति की व्यक्तिगत रुचि राष्ट्रीय हित से ऊपर है. केजरीवाल के बयान से देश में असंतोष और बेसुरापन फैल सकता है. केजरीवाल और नरेंद्र मोदी के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता थी, जो चुनाव के बाद अभी तक चली आ रही है.'
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट जगमिंदर सिंह ने दलीलें सुनने के बाद स्पष्टीकरण के लिए फरवरी 26 के लिए सुनवाई की तारीख तय की है.
केजरीवाल के ट्वीट का जिक्र
याचिकाकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि जब मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के दफ्तर में सीबीआई का छापा पड़ा तब केजरीवाल ने ट्विटर पर भी प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं.
याचिका में कहा गया है, 'जबकि वह (केजरीवाल) जानते हैं कि सीबीआई एक स्वायत्त संस्था है. ऐसे में साफ जाहिर है कि वह उनकी व्यक्तिगत रुचि और राजनीतिक दुश्मनी से प्रेरित है.' गौरतलब है कि अपने ट्वीट्स में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को कायर और मनोरोगी कहा था.