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श्रमिक होगा दुखी तो देश कैसे होगा सुखी, श्रम सम्मेलन में बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने देश के श्रमिकों और मालिकों के बीच 'परिवार भाव' स्थापित करने की वकालत की और कानूनों को सहज बनाने का वादा किया.

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PM Narendra Modi
PM Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने देश के श्रमिकों और मालिकों के बीच 'परिवार भाव' स्थापित करने की वकालत की और कानूनों को सहज बनाने का वादा किया.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में श्रमिक का योगदान अहम है और किसान-मजदूर ही देश को बनाते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रमिक सपनों की आहूति देकर दूसरों के सपने पूरा करता है. वह दुखी रहेगा तो देश कैसे सुखी रहेगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि मालिक और श्रमिक के बीच अगर परिवार भाव पैदा होता है तो विकास की यात्रा को कोई रोक नहीं सकता. उन्होंने कहा कि इन सारी चर्चाओं का वैज्ञानिक अध्ययन भी होना चाहिए. उन्होंने श्रम करने वालों के प्रति आदर भाव लाने की वकालत की.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'ऐसे कई छोटे-बड़े उद्योग हैं जो 50 साल पुराने हैं, लेकिन उनमें आज तक कभी कोई हड़ताल नहीं हुई. इसका क्या कारण होगा? उसे चलाने वाले लोगों की सोच क्या होगी? उन्होंने किस तरह से श्रमिकों से नाता जोड़ा है. क्या हम नमूना दिखा सकते हैं कि 50 साल से चल रहे हैं, हजारों श्रमिक, कभी कोई शिकायत नहीं. यह मंगलम का भाव जिन इकाइयों में है, उन्हें खोजकर निकालना चाहिए.' प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक हम इस भावनात्मक व्यवस्था को आगे बढ़ाने की कोशिश नहीं करते, सिर्फ कानूनों के जरिये समस्याओं का समाधान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हालांकि कानून भी उनके लिए जरूरी है जो श्रमिक को इंसान भी मानने को तैयार नहीं होते. प्रधानमंत्री ने सहमति से कानूनों में भी बदलाव करने की बात कही.

 

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