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जम्मू-कश्मीर में चुनाव की वजह से बीजेपी धारा 370 पर चुप: असदुद्दीन ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 पर बीजेपी इसलिए चुप है, क्योंकि मौजूदा विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों का भी वोट हासिल करना चाहती है. ओवैसी ने आज तक के प्रोग्राम 'सीधी बात' के दौरान यह बात कही.

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'सीधी बात' में असदुद्दीन ओवैसी
'सीधी बात' में असदुद्दीन ओवैसी

ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 पर बीजेपी इसलिए चुप है, क्योंकि मौजूदा विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों का भी वोट हासिल करना चाहती है. ओवैसी ने आज तक के प्रोग्राम 'सीधी बात' के दौरान यह बात कही.

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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में उनकी राय जो पहले थी, वही आज भी है और वह कभी नहीं बदलेगी. ओवैसी ने आम चुनाव के दौरान भी कहा था कि मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं, तो देश के लिए यह अच्छा नहीं होगा.

ओवैसी ने कहा, 'अपने उस बयान पर मैं आज भी कायम हूं. उनके मंत्रियों के बयान सुन ही रहे हैं कि वे किस जुबान और अंदाज में बात कर रहे हैं. साक्षी महाराज ने बयान दिया कि सारे मदरसे आतंकवाद की फैक्ट्री हैं. फिर लव-जिहाद की बात फैलाकर लोगों को भड़काने की कोशिश की गई. दूसरी तरफ आरएसएस का यह बयान कि हम हिंदू राष्ट्र बनाएंगे. 2019 से पहले हम राम मंदिर बनाएंगे. फिर मोदी जी का लालकिले से 15 अगस्त पर यह कहना कि मुझे 10 साल का मॉरटोरियम दीजिए. अब मुल्क को फैसला करना है. अवाम ने उनको वोट दिया है. उन्हें मुबारक! मगर हमारी राय जो आज है, वही कल भी रहेगी.'

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जब पूछा गया कि बीजेपी तो सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) व अनुच्छेद 370 हटाने और राम मंदिर जैसे मुद्दों पर चुप है, लिहाजा उसका फोकस सिर्फ सुशासन और विकास पर लगता है और लगता ही नहीं कि हिंदुत्व उसके एजेंडे में है. इस पर आप क्या कहेंगे?

ओवैसी ने कहा, 'अनुच्छेद 370 रद्द करने की बात बीजेपी ने अपने कोर एजेंडे से हटाई नहीं है. वह कश्मीर में चुनाव जीतने के लिए अभी इस मुद्दे पर खामोश है. बीजेपी साफ-साफ नहीं कहती कि अनुच्छेद 370 या राम मंदिर की बात वह भूल गई है. ऐसा वह कह भी नहीं सकती, क्योंकि उसने दोतरफा फायदा उठाने की सोच रखी है.'

उन्होंने कहा, 'अगर AFSPA हटाना है, तो वे संसद में विधेयक लेकर आएं. कम से कम कश्मीर के शहरी इलाकों से ही AFSPA हटाएं. संसद का सत्र अभी जारी है. मगर ये लोग ऐसा कुछ नहीं करेंगे. मुझे तो लगता है, जम्मू में अंतिम चरण का मतदान हो जाने के बाद बीजेपी अपना असली चेहरा दिखाएगी.'

ओवैसी से सवाल पूछा गया कि विवादास्पद मुद्दों पर प्रधानमंत्री खुद कुछ नहीं बोल रहे हैं? इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है? जवाब में ओवैसी ने कहा, 'बीजेपी में सबका काम बंटा हुआ है. आरएसएस है, विहिप है, बजरंग दल है और बीजेपी इन सबकी एक राजनीतिक शाखा है. सियासी फायदे के लिए, लोगों को बहकाने के लिए अस्पष्ट बयान देना इनकी फितरत रही है. प्रधानमंत्री कभी आरएसएस के हिंदू राष्ट्र वाले बयान के खिलाफ नहीं जा सकते. प्रधानमंत्री खुद कहते हैं कि वह आरएसएस से आए हैं. मोदी न्यूयॉर्क में कहते हैं कि 1200 साल की गुलामी से आजादी मिली है. मुल्क तो 1947 में आजाद हुआ था. मगर ये 650 साल की मुगलिया हुकूमत और उससे पहले लोधी की बात करते हैं, क्या ये गुलामी थी? देखिए, किस तरह के बयान आ रहे हैं.'

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'कांग्रेस और NCP का आरोप है कि आपकी पार्टी के चुनाव में उतरने से बीजेपी को फायदा होता है. उनका तो यहां तक कहना है कि आप आरएसएस की शह पर चुनाव में उतरे?' इस सवाल पर ओवैसी ने कहा, 'महाराष्ट्र में कुल एक करोड़ मुसलमान मतदाता हैं. मतदान 60 फीसदी हुआ. यानी 60 लाख मुसलमानों ने वोट दिए. मैंने 24 उम्मीदवार उतारे थे. पांच गैर-मुस्लिम भी थे. मुझे कुल पांच लाख 24 हजार मुस्लिम वोट मिले. बाकी 55 लाख मुस्लिम वोट कहा गए. सारे वोट कांग्रेस, NCP को ही तो मिले. बावजूद इसके बाबा सिद्दीकी और नवाब मलिक क्यों हारे? अब्दुल सत्तार कैसे जीत गए? सच तो ये है कि इन्होंने 15 साल हुकूमत किया, लेकिन महाराष्ट्र की जेलों में 30 फीसदी विचाराधीन कैदी मुसलमान हैं. एक फीसदी मुस्लिम लड़कियां भी ग्रेजुएट नहीं हैं. हालात कहां बदले? और उम्मीदवार उतारो, तो कहते हैं आरएसएस के पास चले गए. बदकिस्मती ये है कि बीजेपी कहे तो मैं राष्ट्रवादी हूं और दूसरी पार्टियां सर्टिफिकेट दें, तो मैं धर्मनिरपेक्ष हूं.'

'क्या आपको लगता है कि आने वाले चार-पांच साल में मुस्लिम वोट आपके इर्दगिर्द इकठ्ठा होगा?' इस सवाल पर ओवैसी ने कहा, 'मैं मुसलमानों का नेता नहीं हूं. मुसलमानों के नेता पंडित नेहरू, लालबहादुर शास्त्री, मनमोहन सिंह, लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव और शरद पवार हैं.'

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ओवैसी से सवाल किया गया, 'मुस्लिम नौजवानों में लगभग आठ-दस फीसदी का रुझान बीजेपी की तरफ है, क्योंकि मोदी आज विकास की बातें कर रहे हैं. कहीं आपको अपनी सियासी दुकान बंद होने का डर तो नहीं है?' इस पर ओवैसी ने कहा, 'वोट देने से कोई किसी को रोक नहीं सकता. लेकिन यह इल्जाम बेबुनियाद है. बीजेपी के 440 उम्मीदवारों में सिर्फ आठ मुसलमान थे, और सभी हारे. बीजेपी शाहनवाज हुसैन को क्यों नहीं जितवा पाई, जवाब दे. बाकी सात की जमानत ही जब्त हो गई. वह इसलिए कि लोग बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा जानते हैं. सभी लोग झांसे में नहीं आ सकते.'

पाकिस्तान के प्रति प्रधानमंत्री के रवैए पर ओवैसी ने कहा, 'हमारे पड़ोस में हर तरफ अस्थिरता है. सरहद पर गोलीबारी हुई. फौजी शहीद हुए. देखना है कि यह तनाव कैसे कम होता है. दक्षेस के आखिरी दिन प्रधानमंत्री ने नवाज शरीफ से हाथ मिलाया. अब देखते हैं कि बातचीत के रास्ते भी खुलते हैं या नहीं.'

सवाल किया गया, 'क्या आपको लगता है आईएसआईएस इंटरनेट के जरिए युवाओं को भटका पाएगी?' इसके जवाब में ओवैसी ने कहा, 'आईएसआईएस की आलोचना मैंने ही नहीं, बड़े-बड़े मुस्लिम विद्वानों ने भी की. ये इस्लाम के नाम पर धब्बा है. मासूमों का कत्ल करते हैं. हम किसी भी ऐसी ताकत को पनपते हुए देखना नहीं चाहते जो मुल्क की अखंडता के लिए खतरा हो. चार लड़के भटके थे. उनमें से एक वापस आया. अपने साथ हुए बुरे बर्ताव के बारे में बताया. मैं तो मुस्लिम नौजवानों से कहता हूं कि जिहाद करना है, तो वे मुसलमानों में निरक्षरता और गरीबी के खिलाफ जिहाद करें.'

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