देश के कई हिस्सों में बीते समय में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने हर किसी को चिंता में डाल दिया है. झारखंड में तबरेज अंसारी को ‘जय श्री राम’ का नारा नहीं लगाने की वजह से भीड़ ने पीट-पीट कर मार दिया था. अब ये मसला संयुक्त राष्ट्र तक पहुंच गया है. जहां एक एनजीओ ने इस मुद्दे के बारे में बताया. इस मुद्दे पर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार को घेरा है. ओवैसी ने लिखा कि संघियों ने ऐसे कारनामे किए हैं, जिनकी चर्चा आज संयुक्त राष्ट्र में भी हो रही है.
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को ट्विटर पर लिखा, ‘शाबाश, संघी मॉब लिंचर्स, आपने अपने अमानवीय कारणों के कारण भारत के सम्मान को ठेस पहुंचाई है, जिसका जिक्र संयुक्त राष्ट्र में भी किया जा रहा है. स्कॉटलैंड के जज ने बिल्कुल ठीक कहा है ये संविधान की लिंचिंग है.’
Well done Sanghi Mob Lynchers you have brought disrepute to Bharat by your inhumane actions, which is being mentioned in UNHRC, rightly said by a Sctt Judge it is Lynching of Constitution
PM Modi wants 5 Trillion ECONOMY when Hate is being institutionalised? https://t.co/nEt5999z7L
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 4, 2019
असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर निशाना साधता हुए लिखा कि मोदी सरकार देश की इकॉनोमी को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना चाहती है, वो भी तब जब नफरत को संवैधानिक रूप दिया जा रहा है.
आपको बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने जो वीडियो साझा किया है उसमें संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के मंच पर झारखंड मॉब लिंचिंग का जिक्र किया जा रहा है. वीडियो में NGO के द्वारा कहा गया है कि तबरेज अंसारी को झारखंड में हिंदू भीड़ ने जय श्री राम के नारे ना लगाने की वजह से मार दिया गया, इसके अलावा एक मुस्लिम टीचर को भी पीटा गया.
NGO ने अपने बयान में कहा कि सत्ताधारी दल के प्रताप सांरगी ने संसद भवन में कहा कि जो लोग हिंदू नारे नहीं लगा सकते हैं, उन्हें देश में क्यों ही रहना चाहिए.
गौरतलब है कि इससे पहले देश में भी इन मुद्दों को लेकर विवाद हो चुका है. संसद में भी विपक्ष ने इस मसले पर सरकार पर निशाना साधा था. इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने बयान में इसका जिक्र किया था. पीएम मोदी ने कहा था कि इन तरह की चीजों को देश में स्वीकार नहीं किया जाएगा.