असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) की लिस्ट सामने आने के बाद से ही राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. इस लिस्ट के सामने आने के बाद असम में रह रहे 19 लाख लोगों पर पहचान का संकट है तो वहीं इस पर राजनीतिक तलवारें भी खिंच गई हैं. लिस्ट पर ही सवाल उठाने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता हेमंता बिस्वा शर्मा और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बीच ट्विटर पर आरपार की लड़ाई हो गई है.
कैसे शुरू हुई ये जुबानी जंग?
दरअसल, असदुद्दीन ओवैसी ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए हेमंता बिस्वा शर्मा पर हमला बोला था. ओवैसी ने ट्वीट किया था, ‘इस स्थिति से साफ होता है कि NRC का उपयोग मुस्लिमों को बाहर निकालने के लिए किया गया था. हेमंता बिस्वा शर्मा का कहना है कि किसी भी कीमत पर हिंदुओं की रक्षा की जाएगी. नागरिकों को आस्था के आधार पर बांटा नहीं जा सकता है.’
This is an open admission of how #NRCassam was being used to exclude Muslims. After putting undocumented people through such an arduous process, @himantabiswa says that, by hook or crook, Hindus will be protected.
Citizenship CANNOT be given or withdrawn on the basis of faith https://t.co/D32sG9ieOs
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 3, 2019
जिसपर हेमंता बिस्वा शर्मा ने जवाब दिया कि अगर भारत ही हिंदुओं की रक्षा नहीं करेगा तो कौन करेगा? पाकिस्तान? भारत हमेशा सताए हुए हिंदुओं के लिए घर होना चाहिए.
If India does not protect Hindus who will protect them? Pakistan? India shall forever remain a home for persecuted Hindus, irrespective of your opposition Sir https://t.co/ZNOz0GazER
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) September 3, 2019
इसके बाद ओवैसी ने एक और ट्वीट किया और लिखा कि भारत तो सभी भारतीयों को बचाना चाहिए, सिर्फ हिंदुओं को नहीं. संविधान में लिखा है कि भारत सभी आस्थाओं का सम्मान करेगा. ये हिंदू राष्ट्र नहीं है और कभी होगा भी नहीं.
India should protect all Indians, not Hindus. Worshippers of two-nation theory can never understand that this country is much, much bigger than one faith
Constitution says Bharat will treat all faiths, races & castes equally. This isn’t Hindu Rashtra, it never will be inshallah https://t.co/oeS2uZ88aI
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 4, 2019
AIMIM सांसद ने लिखा कि भारत वो देश है जिसने कई सताए हुए लोगों को अपनाया है, वे सभी रिफ्यूजी हैं नागरिक नहीं हैं. धर्म कभी भी नागरिकता का आधार नहीं बन सकता है.
आपको बता दें कि 31 अगस्त को NRC की जो लिस्ट सामने आई है, उसमें 19 लाख लोगों को शामिल नहीं किया गया है. इसी के बाद लिस्ट पर सवाल खड़े होने लगे हैं, इस लिस्ट पर सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने भी सवाल उठाए हैं. जिनमें हेमंता बिस्वा शर्मा का नाम भी शामिल है.
हालांकि, लगातार उठ रही आवाज़ों के बीच अब सरकार की ओर से 120 दिन का समय दिया जा रहा है, ताकि वह लिस्ट में नाम के लिए दोबारा अपील कर सकें. इसके लिए राज्य में अधिक से अधिक सेंटर बनाए जाएंगे.